यमुना नदी का जलस्तर मंगलवार को खतरे के निशान को पार करने के साथ ही दिल्ली के यमुना पार इलाके के कुछ हिस्सों में पानी घरों में घुसने लगा। नदी सुबह खतरे के निशान को पार कर गई, जिससे राष्ट्रीय राजधानी के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया। रात भर हुई बारिश के बाद दिल्ली के कई इलाकों में सड़कों पर पानी और घरों में पानी भरा हुआ दिखाई दिया। मयूर विहार और यमुना पार क्षेत्र के आसपास के इलाकों में भी जलभराव देखा गया।
यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण, नदी के किनारे खेतों में फंसे किसानों को बचाने का अभियान जारी है। बचाव दल के एक सदस्य ने कहा, "अभी स्थिति खतरनाक है क्योंकि हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़ा गया है। हम कल रात से लोगों को बचा रहे हैं। हमने लोगों को सुरक्षित बचा लिया है। हम पीछे छूट गए लोगों का सामान भी वापस ले लेंगे। हमने कल रात से 50-60 लोगों को बचाया है... हम फंसे हुए किसी भी मवेशी को भी बचा लेंगे... ये नावें दिल्ली सरकार की ओर से संचालित की जा रही हैं..."
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली के पुराने रेलवे पुल पर मंगलवार सुबह यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर 205.80 मीटर तक पहुंच गया। सुबह आठ बजे प्राप्त नवीनतम जानकारी के अनुसार, हथिनीकुंड बैराज से 1.76 लाख क्यूसेक, वजीराबाद बैराज से 69,210 क्यूसेक और ओखला बैराज से 73,619 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
राष्ट्रीय राजधानी में लगातार बारिश के एक दिन बाद दिल्ली और उसके आसपास के एनसीआर इलाकों में भीषण बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि आस-पास के बैराजों से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण जलस्तर और बढ़ सकता है।
अधिकारी नावों से घोषणाएं कर रहे हैं तथा नदी के किनारे रहने वाले लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने का अनुरोध कर रहे हैं। एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-वीडियो’ को बताया, ‘‘हम लगातार निवासियों से बाढ़ के खतरे वाले इलाकों को खाली करने का आग्रह कर रहे हैं। सभी जिलाधिकारियों को बाढ़ जैसी किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।