हाईकोर्ट के कड़े रुख के बाद मराठा आरक्षण आंदोलन होगा खत्म? शर्तों के उल्लंघन पर पुलिस का जरांगे को नोटिस, आजाद मैदान में सफाई अभियान शुरू

हाईकोर्ट के कड़े रुख के बाद मराठा आरक्षण आंदोलन होगा खत्म? शर्तों के उल्लंघन पर पुलिस का जरांगे को नोटिस, आजाद मैदान में सफाई अभियान शुरू

मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा कार्यकर्ता मनोज जरांगे को कड़ी फटकार लगाए जाने के बाद बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) हरकत में आ गया है। मराठा आरक्षण आंदोलन के कारण मुंबई पूरी तरह ठप्प हो गई थी और प्रदर्शनकारियों को मंगलवार दोपहर तक सड़कें खाली करने का आदेश दिया गया था। पुलिस ने जरांगे और उनकी कोर कमेटी को आज़ाद मैदान स्थित धरना स्थल से हटने के लिए नोटिस भी जारी किया है। पुलिस ने आंदोलन के लिए निर्धारित शर्तों के उल्लंघन का हवाला देते हुए यह कदम उठाया है।

मुंबई के आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे जरांगे के आंदोलन का आज पांचवा दिन है। पुलिस ने नोटिस में कहा कि इससे पूर्व दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में 5,000 प्रदर्शनकारियों के जमा होने ही अनुमति दी गई थी, लेकिन महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों से 40,000 से अधिक प्रदर्शनकारी पहुंच गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने पिछले कुछ दिनों में बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर दक्षिण मुंबई की सड़कों को जाम कर दिया और आजाद मैदान व आस-पास के इलाकों को जोड़ने वाली सड़कों पर 5,000 से ज्यादा वाहन खड़े कर दिए, जिससे भारी यातायात जाम हो गया।

पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर खाना पकाया, नहाया, नाचे-गाए और सार्वजनिक जगहों पर क्रिकेट खेला, जिससे आरक्षण आंदोलन के लिए पहले से तय शर्तों का उल्लंघन हुआ। उन्होंने बताया कि बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के कर्मियों ने सोमवार रात को आजाद मैदान से कुछ ही मीटर की दूरी पर स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) के बाहर के चौक और संपर्क मार्गों की सफाई की, जहां आरक्षण आंदोलनकारियों का बचा हुआ खाना और कचरा बिखरा पड़ा था।

मराठा आरक्षण की मांग को लेकर दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में जरांगे का अनशन मंगलवार को पांचवें दिन भी जारी है। मुंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को उनके समर्थकों से मंगलवार दोपहर तक मुंबई की सभी सड़कें खाली करने और सामान्य स्थिति बहाल करने को कहा है। एक अधिकारी ने बताया कि मराठा आरक्षण प्रदर्शनकारियों ने पुलिस द्वारा आंदोलन-पूर्व निर्धारित की गई शर्तों का उल्लंघन किया इसलिए आजाद मैदान पुलिस ने जरांगे और उनकी कोर टीम को नोटिस जारी किया।


अधिकारी ने बताया कि यह नोटिस प्रदर्शन का आयोजन कर रही संस्था आमरण उपोषण और उसकी कोर टीम के आठ सदस्यों के नाम पर जारी किया गया है। आमरण उपोषण संस्था जालना जिले में जरांगे के पैतृक गांव अंतरवाली सराटी में स्थित है। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों द्वारा विभिन्न शर्तों का उल्लंघन किए जाने के कारण पुलिस ने आयोजकों को अनुमति देने से इनकार कर दिया, जिन्होंने सोमवार को आंदोलन की अवधि बढ़ाने की मांग की थी।


अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार करते हुए मुंबई पुलिस ने आयोजकों से जल्द से जल्द आजाद मैदान खाली करने को भी कहा। जरांगे मराठों को आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में शामिल करने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन में भाग लेने के लिए समूचे महाराष्ट्र से उनके हजारों समर्थक ट्रकों और बसों में सवार होकर मुंबई पहुंच गए हैं। कुछ मराठा आरक्षण प्रदर्शनकारियों ने सोमवार रात अपने ट्रकों को निर्धारित पार्किंग स्थलों पर स्थानांतरित कर दिया था, लेकिन कई वाहन अब भी सीएसएमटी चौराहे और संपर्क मार्गों पर खड़े दिखे।


उच्च न्यायालय ने कहा कि मराठा आंदोलन के कारण मुंबई बिल्कुल ठप पड़ गई है और आंदोलन ने सभी शर्तों का उल्लंघन किया है। इसे देखते हुए सोमवार को अदालत ने कहा कि वह जरांगे और प्रदर्शनकारियों को यह सुनिश्चित करने का अवसर दे रही है कि मंगलवार दोपहर तक सभी सड़कें खाली और साफ कर दी जाएं। मराठा आरक्षण कार्यकर्ता (43) ने सोमवार से पानी पीना बंद कर दिया था, लेकिन शाम को उच्च न्यायालय द्वारा प्रदर्शनकारियों को सड़कें खाली करने के आदेश के बाद मीडिया को संबोधित करने के लिए उन्होंने कुछ घूंट पानी पिया।


सरकारी जेजे अस्पताल के डॉक्टर पिछले दो दिनों से उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर रहे हैं। जरांगे ने सोमवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर इस मुद्दे पर जानबूझकर फैसला लेने में देरी करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया, (मराठा समुदाय के लोगों को आरक्षण देने का) फैसला लेना बहुत आसान है। सरकार को बस इतना कहना है कि वह हैदराबाद, सतारा और अन्य राजपत्रों को लागू कर रही है और मराठवाड़ा के सभी मराठों को कुनबी घोषित कर रही है। ऐसे प्रमाणपत्रों का वितरण जिलाधिकारी और तहसीलदार कर सकते हैं।


सोमवार को उनके समर्थकों ने सीएसएमटी स्टेशन परिसर को खेल के मैदान में बदल दिया, जहां कबड्डी, खो-खो और यहां तक कि एक-दूसरे के साथ कुश्ती भी खेली गई। कुछ प्रदर्शनकारियों ने बचा हुआ खाना, पानी की खाली बोतलें, रैपर और फलों के छिलके सड़क के बीचों-बीच, स्टेशन के प्लेटफॉर्म और यहां तक कि पटरियों पर भी फेंक दिए। बेतरतीब ढंग से खड़े वाहनों और हल्की बारिश की वजह से हुए कीचड़ के कारण लोगों और वाहनों का आना-जाना मुश्किल हो गया।


अधिकारियों ने बताया कि बीएमसी के कर्मचारियों ने मशीनों से कचरा उठाने के बाद सोमवार रात सीएसएमटी के बाहर चौक और उसके संपर्क मार्गों को प्रेशर जेट स्प्रे से धोया। सफाई कर्मचारियों ने संपर्क मार्गों की झाड़ू से सफाई भी की। पिछले कुछ दिनों में बीएमसी ने आजाद मैदान और आसपास के इलाकों में सफाई बनाए रखने के लिए लगभग 1,000 सफाई कर्मचारियों को तैनात किया है, जहां बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जमा हुए हैं। बीएमसी ने कहा कि उसने कचरा इकट्ठा करने के लिए प्रदर्शनकारियों को बैग बांटे और उनसे आग्रह किया है कि वे इन बैग में ही कचरा डालें और उसे निपटान के लिए सौंप दें। इसके अलावा, बीएमसी ने विभिन्न स्थानों पर 400 शौचालय उपलब्ध कराए हैं।


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