गोवा में गणेश उत्सव धूमधाम से शुरू, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, आर्कबिशप ने शुभकामनाएं दीं

गोवा में गणेश उत्सव धूमधाम से शुरू, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, आर्कबिशप ने शुभकामनाएं दीं

गोवा में बुधवार को 10 दिवसीय गणेश उत्सव पारंपरिक उत्साह और श्रद्धाभाव के साथ शुरू हुआ। राज्य भर के लोगों ने अपने-अपने घरों में गणेश की मूर्तियां स्थापित कीं। राज्य की लगभग 70 प्रतिशत आबादी हिंदुओं की है, ऐसे में यह उत्सव लगभग हर घर में मनाया जाता है। मंगलवार रात को मूर्तियों को घर लाने के बाद श्रद्धालुओं ने सुबह भगवान गणेश के आगमन की खुशी में अनुष्ठान किए। राज्य के बाहर या विदेश में काम करने वाले गोवावासी अपने-अपने परिवारों के साथ इस उत्सव को मनाने के लिए अपने पैतृक गांव लौटते हैं।

राज्य भर में सैकड़ों मंडलों (सार्वजनिक स्थानों पर त्योहार मनाने वाले समूह) ने भी भव्य शोभायात्रा आयोजित कर गणेश की बड़ी मूर्तियों को लाकर उत्सव की शुरुआत की। इनमें से कई मंडलों ने उत्सव के दौरान अगले 10 दिन के लिए कार्यक्रम निर्धारित किए हैं। गोवा में ‘चावथ’ के नाम से प्रसिद्ध गणेश चतुर्थी के अवसर पर राज्यपाल पी. अशोक गजपति राजू और मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने गोवा के लोगों को शुभकामनाएं दीं एवं उनसे पर्यावरण के अनुकूल गणेश उत्सव मनाने की अपील की। राज्यपाल ने अपने संदेश में कहा, ‘‘यह पावन पर्व हर घर में खुशियां, सद्भाव और समृद्धि लाए।

विघ्नहर्ता और मंगलमूर्ति भगवान गणेश ज्ञान के शाश्वत प्रतीक और सभी विघ्नों को हरने वाले हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आइए, चावथ के दौरान भगवान गणेश का स्वागत करते हुए हम सामूहिक प्रगति, कल्याण और चुनौतियों पर विजय पाने की शक्ति के लिए उनका आशीर्वाद लें।’’ राज्यपाल ने कहा, ‘‘गोवा में चावथ एक त्योहार से कहीं बढ़कर है। यह हमारी सांस्कृतिक विरासत और पारिवारिक बंधनों का उत्सव है।’’ मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा, ‘‘गणेश चतुर्थी सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है जिसे बड़े उत्साह, उमंग और खुशी के साथ मनाया जाता है।’’


उन्होंने कहा, ‘‘गणपति बप्पा को गुरु, रक्षक और विघ्नहर्ता माना जाता है। भगवान गणेश ज्ञान, विद्या, धर्म एवं सौभाग्य के प्रतीक हैं और अपने भक्तों के हृदय में विशेष स्थान रखते हैं। गणेश को ‘विघ्नहर्ता’, ‘मंगलमूर्ति’ और प्रथम पूज्य देवता माना जाता है।’’


सावंत ने कहा कि ‘चावथ’ का आगमन लोगों के जीवन में नयी आशा और अपार आनंद की रोशनी भरता है और यह उन परिवारों एवं रिश्तेदारों के पुनर्मिलन का भी प्रतीक है जो भगवान गणेश की पूजा करने और पारंपरिक रीति-रिवाजों एवं संस्कृति के साथ उत्सव मनाने के लिए अपने पैतृक घरों में एक साथ आते हैं। गोवा और दमन के आर्कबिशप फिलिप नेरी कार्डिनल फेराओ ने कहा, ‘‘मैं गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाने वाले सभी हिंदू भाइयों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं और प्रार्थना करता हूं कि ईश्वर उन सभी पर कृपा बनाए रखें।


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