150 साल पुराना ‘मौत का घर’ जहाँ आज भी जबरन कराया जा रहा है मजदूरों से काम!

150 साल पुराना ‘मौत का घर’ जहाँ आज भी जबरन कराया जा रहा है मजदूरों से काम!

मिर्जापुर से एक चिंताजनक और प्रशासन की अनदेखी को उजागर करने वाली खबर सामने आई है। शहर कोतवाली क्षेत्र के बभनइया टोला मोहल्ले में सौ से डेढ़ सौ साल पुराने मिट्टी के जर्जर मकान में बर्तन निर्माण का कारखाना संचालित किया जा रहा है।


पिछले 5 दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के बावजूद इस कमजोर और कभी भी गिर सकने वाले भवन में मजदूरों से काम कराया जा रहा है। ऐसे में न केवल मजदूरों की जान खतरे में है, बल्कि आसपास के अन्य मकानों को भी गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है।


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जान जोखिम में डालकर काम करने को मजबूर


स्थानीय लोगों का कहना है कि व्यापारी वर्ग की ज़िद और लालच के कारण ये कारखाना अब तक बंद नहीं कराया गया है। मजदूर अपनी जान जोखिम में डालकर काम करने को मजबूर हैं, क्योंकि उन्हें आजीविका के लिए कोई दूसरा विकल्प नहीं दिख रहा।


प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई


सबसे हैरानी की बात ये है कि इस गंभीर स्थिति के बावजूद जिला प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। न ही नगर पालिका, न ही श्रम विभाग और न ही राजस्व विभाग की ओर से कोई निरीक्षण किया गया है।


कारखाने को तुरंत बंद कराया जाए


स्थानीय निवासियों और समाजसेवियों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि इस कारखाने को तुरंत बंद कराया जाए और मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। साथ ही मकान को खतरे की दृष्टि से खाली कराने के आदेश भी दिए जाएं।

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