उत्तराखंड का प्राचीन शिव मंदिर कल्प केदार मलबे में दबा, मंदिर की संरचना केदारनाथ धाम की तरह ही थी

उत्तराखंड का प्राचीन शिव मंदिर कल्प केदार मलबे में दबा, मंदिर की संरचना केदारनाथ धाम की तरह ही थी

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मंगलवार (5 अगस्त, 2025) दोपहर को खीर गंगा नदी में मूसलाधार बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोगों के बह जाने की आशंका है। बाढ़ ने समुद्र तल से 8,600 फीट ऊपर स्थित धराली कस्बे के होटलों और आवासीय भवनों को प्रभावित किया। निवासियों द्वारा रिकॉर्ड किए गए वीडियो फुटेज में पानी की विशाल लहरें इलाके से गुज़रती और लोगों और घरों सहित अपने रास्ते में आने वाली हर चीज़ को निगलती हुई दिखाई दे रही हैं।

उत्तराखंड का प्राचीन शिव मंदिर कल्प केदार मलबे में दबा 


उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार को बादल फटने के कारण खीर गंगा नदी में आयी विनाशकारी बाढ़ से यहां स्थित प्राचीन शिव मंदिर कल्प केदार मलबे में दब गया। ऐसा बताया जाता है कि पिछली बार आई किसी आपदा के कारण यह मंदिर कई वर्षों तक जमीन के नीचे दबा रहा था तथा केवल इसका उपरी हिस्सा ही दिखाई देता था। कतुरे शैली में निर्मित इस शिव मंदिर की वास्तुकला केदारनाथ धाम की तरह है। वर्ष 1945 में की गई एक खुदाई के बाद इस मंदिर के बारे में पता चला था।

मंदिर की संरचना केदारनाथ मंदिर की तरह थी 


जमीन के नीचे कई फुट तक खुदाई करने पर एक प्राचीन शिव मंदिर मिला था जिसकी संरचना केदारनाथ मंदिर की तरह थी। मंदिर जमीन से नीचे स्थित था और भक्तों को मंदिर में प्रार्थना करने के लिए नीचे जाना पड़ता था। लोगों का कहना है कि मंदिर के गर्भगृह में स्थापित शिवलिंग पर अक्सर खीरगंगा का पानी आता है और इसके लिए एक रास्ता भी बनाया गया है। मंदिर के बाहर पत्थर पर नक्काशी की गई है। प्राचीन शिव मंदिर में स्थापित शिवलिंग का आकार केदारनाथ की तरह ही नंदी की पीठ की तरह है।

भारतीय सेना ने उत्तरकाशी में बचाव के लिए 150 जवान, ड्रोन और हेलीकॉप्टर तैनात किए


भारतीय सेना ने उत्तराखंड के उत्तरकाशी के हर्षिल में भूस्खलन के बीच बचाव और राहत कार्यों में 14वीं राजरीफ के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल हर्षवर्धन के नेतृत्व में 150 जवानों को तैनात किया है। मंगलवार से ही लोगों को निकालने और आवश्यक आपूर्ति प्रदान करने के लिए सेना के ट्रैकर डॉग, ड्रोन और अर्थमूविंग उपकरण तैनात किए गए हैं। 


Leave a Reply

Required fields are marked *