उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में अवसानेश्वर महादेव मंदिर के बाहर सोमवार तड़के मची भगदड़ में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई और 32 से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए। यह हादसा उस समय हुआ जब बिजली का तार टिन शेड पर गिर गया, जिससे कई लोगों को करंट लग गया। सावन के तीसरे सोमवार को दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े थे। मृतकों में से एक की पहचान लोनीकटरा थाना क्षेत्र के मुबारकपुरा गाँव के 22 वर्षीय प्रशांत के रूप में हुई है। दूसरे व्यक्ति की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। दोनों की त्रिवेदीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के दौरान मौत हो गई।
पुलिस ने बताया कि सावन के सोमवार को अवसानेश्वर मंदिर में जलाभिषेक के दौरान बिजली का तार टूटकर गिर गया, जिससे वहां टीन शेड में करंट आ गया और लोग घबरा गए। उसने बताया कि इसी से मंदिर परिसर में भगदड़ मच गई। पुलिस ने बताया कि हादसे में कम से कम 32 से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए, जिनमें से दो की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि लोनीकटरा थाना क्षेत्र के मुबारकपुरा गांव निवासी प्रशांत (22) और एक अन्य 30 वर्षीय श्रद्धालु की त्रिवेदीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में इलाज के दौरान मौत हो गई। यह घटना उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर की ओर जाने वाले सीढ़ी मार्ग पर मची भगदड़ में आठ लोगों की मौत के एक दिन बाद हुई है।
पुलिस के अनुसार बिजली का करंट फैलने की अफवाह के कारण लोग दहशत में आ गए जिसके बाद भगदड़ मच गई। अधिकारियों ने बताया कि सीएचसी में कुल 10 घायलों को लाया गया, जिनमें से पांच को हालत गंभीर होने के कारण उच्च स्तरीय केंद्र रेफर कर दिया गया। उन्होंने बताया कि हैदरगढ़ सीएचसी में 26 घायलों को भर्ती कराया गया जिनमें से एक को गंभीर स्थिति में किसी अन्य अस्पताल में रेफर किया गया है। हादसे के बाद मंदिर परिसर और इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभालने की कोशिश की। इस मामले में जांच जारी है। जिलाधिकारी (डीएम) शशांक त्रिपाठी ने बताया कि मंदिर में जलाभिषेक के दौरान बंदरों ने बिजली का तार तोड़ दिया जिससे तीन शेड में करंट आने से परिसर में भगदड़ मच गई। उन्होंने बताया कि इस हादसे में दो व्यक्तियों की मौत हो गई और दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए हैं। उन्होंने बताया कि घायलों का सीएचसी एवं जिला अस्पताल में उपचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्थिति सामान्य है। बाद में श्रद्धालुओं ने मंदिर में पूजा-अर्चना पुन: शुरू कर दी।