भारत की नर्स निमिषा प्रिया को अगले हफ्ते यमन में फांसी दी जा सकती है. जिसको लेकर निमिषा प्रिया के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इस याचिका में प्रिया के वकील ने अपील की भारत सरकार प्रिया का बचाव करने के लिए राजनयिक माध्यमों से बातचीत करें और प्रिया की सजा को कम करवाने की कोशिश करे.
सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी को नोटिस जारी कर केरल की 37 वर्षीय भारतीय महिला निमिषा प्रिया की याचिका पर भारत सरकार से जवाब मांगा है. निमिषा पर यमन में हत्या का मामला दर्ज है. प्रिया को यमन के राष्ट्रपति ने 16 जुलाई को मृत्युदंड की सजा सुनाई है.
सुप्रीम कोर्ट तत्काल सुनवाई के लिए हुई सहमत
निमिषा प्रिया की ओर से वकील सुभाष चंद्रन के.आर. ने कहा कि हमने आज सुबह ही याचिका दायर की. पीठ मामले की तात्कालिकता को देखते हुए सुनवाई के लिए सहमत हो गई. पीठ ने अटॉर्नी जनरल के कार्यालय को अग्रिम प्रति भेजने का निर्देश दिया. ताकि वे मामले को देख सकें और सरकार जो भी संभव हो सके, कर सके. उन्होंने कहा कि इस मामले पर सुनवाई अब 14 जुलाई को होगी.
शरीया कानून के तहत कम हो सकती है सजा
प्रिया के वकील ने याचिका दायर कर अपील की. उन्होंने कहा कि भारत सरकार प्रिया का बचाव करने के लिए राजनयिक माध्यमों से बातचीत कर सकती है. वकील ने कहा कि यमन में शरिया कानून के तहत, ‘रक्त-धन’ वार्ता का विकल्प मौजूद है जिससे प्रिया की सजा को कम किया जा सकता है.
दरअसल शरीया कानून के तहत ब्लड मनी या रक्त धन वार्ता का मतलब है कि यदि हत्या अनजाने में की गई हो और पीड़ित के परिवार वाले उसे माफ करना चाहते हो तो आरोपी की तरफ से पीड़ित के परिवार वालों को कुछ भुगतान करना पड़ता है, जिससे आरोपी की सजा कम हो जाती है.
क्या है मामला?
केरल की रहने वाली निमिषा प्रिया को यमन में 16 जुलाई को फांसी दी जाएगी. निमिषा की उम्र 37 साल है. वह पेशे से नर्स हैं. परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने पर वह यमन चली गई. जहां उन्होंने कुछ दिन तक नर्स का काम किया, उसके बाद खुद का क्लिनिक खोल लिया. यमन देश के कानून के अनुसार कोई भी व्यापार शुरू करने से पहले लोकल व्यक्ति की गवाही जरूरी होती है. तभी वह तलाल अब्दो महदी नाम के एक व्यक्ति के संपर्क में आईं. परिवार का दावा है कि मेहदी से झगड़ा होने के बाद उसने निमिषा का पासपोर्ट जब्त कर लिया था. उन्होंने बताया कि पासपोर्ट वापस पाने के लिए महदी को कथित तौर पर बेहोशी का इंजेक्शन लगाया था. हालांकि, ओवरडोज़ की वजह से उसकी मौत हो गई. महदी की मौत होने के बाद निमिषा ने यमन से भागने की कोशिश की, लेकिन उसी समय उसे गिरफ्तार कर लिया गया था और यमन के राष्ट्रपति ने उसे फांसी की सजा सुनाई.