केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों की खिलाफत में बैंक हड़ताल

केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों की खिलाफत में बैंक हड़ताल

हरदोई (उत्तरप्रदेश)

केंद्र सरकार की  आर्थिक नीतियों के खिलाफ बुधवार को देशभर में आयोजित आम हड़ताल में बैंक कर्मचारियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। हरदोई में केनरा बैंक शाखा पर विभिन्न बैंकों के कर्मचारियों ने एकत्र होकर जोरदार प्रदर्शन किया और नारेबाजी के माध्यम से विरोध दर्ज कराया।

बैंक यूनियन के नेताओं ने कहा कि यह हड़ताल मौजूदा सरकार की आर्थिक नीतियों के उस चेहरे को उजागर करती है, जो बड़े पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाते हुए आम जनता और मेहनतकश वर्ग को लगातार हाशिये पर धकेल रही है। कर्मचारियों का कहना है कि देश की अधिकांश संपत्ति अब कुछ उद्योगपतियों के हाथों में सिमट गई है, जबकि गरीब और मध्यम वर्ग के सामने महंगाई, बेरोजगारी और असुरक्षा जैसे गंभीर संकट खड़े हैं। सरकार की ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस’ नीति श्रमिकों के अधिकारों को छीनने का माध्यम बन गई है।

बैंक कर्मचारियों का कहना है कि रोजगार सृजन के बजाय सरकार द्वारा फिक्स्ड टर्म एम्प्लॉयमेंट और ठेका प्रथा को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे न केवल नौकरियाँ अस्थायी बन रही हैं, बल्कि कर्मचारियों को उचित वेतन और सुरक्षा भी नहीं मिल रही। न्यूनतम वेतन की गारंटी तक नहीं दी जा रही है, और कार्य समय को बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं, जो अंतरराष्ट्रीय मानकों के खिलाफ है।

प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने केंद्र सरकार पर सार्वजनिक क्षेत्र को योजनाबद्ध ढंग से कमजोर करने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि विनिवेश, निजीकरण और मोनेटाइजेशन की नीतियाँ पब्लिक सेक्टर बैंकों और बीमा कंपनियों को निजी हाथों में सौंपने का माध्यम बन रही हैं। यह केवल संस्थाओं का नहीं, बल्कि देश की जनता की गाढ़ी कमाई को कॉरपोरेट्स को सौंपने जैसा है। यूनियनों ने स्पष्ट किया कि वे इस लूट के खिलाफ हर स्तर पर आवाज़ उठाएंगे।

बैंक हड़ताल में भाग लेने वाली यूनियनों ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि नए लेबर कोड्स श्रमिकों से उनके अधिकार छीन रहे हैं। ट्रेड यूनियन का अधिकार, हड़ताल का अधिकार और काम के घंटे जैसे मूलभूत अधिकारों को सीमित किया जा रहा है। वर्कर की परिभाषा तक बदली जा रही है ताकि अधिकाधिक लोगों को श्रम कानूनों की सुरक्षा से बाहर किया जा सके। 

इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन यूपी बैंक इम्प्लॉइज यूनियन की स्थानीय इकाई ने किया, जिसमें कई सार्वजनिक, निजी, सहकारी और ग्रामीण बैंकों के कर्मचारियों ने भाग लिया। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियाँ और बैनर लेकर सरकार की नीतियों के विरुद्ध नारे लगाए और एकजुटता का संदेश दिया। यूनियन प्रतिनिधियों ने कहा कि यह संघर्ष केवल बैंक कर्मचारियों का नहीं, बल्कि देश के हर मेहनतकश का संघर्ष है — और यह तब तक जारी रहेगा, जब तक नीति बदलाव नहीं होता।

प्रदर्शनकरियो का नेतृत्व यूनियन के वरिष्ठ नेता यूपी बैंक इम्प्लाइज यूनियन के जिला मंत्री राकेश पाण्डेय ने किया। प्रदर्शन में प्रमुख रूप से वेदप्रकाश पांडे, अजय मेहरोत्रा, कौशलेंद्र शुक्ल, वीर बहादुर सिंह, आनंद गुप्ता, दीपक बाजपेई, अनुज सिंह, अभिषेक गुप्ता, अनादि ब्रम्ह, अनिल कुमार, असलम अंसारी, अमित पाण्डेय, वर्षा मेहरोत्रा, प्रिया रस्तोगी, चंदा, प्रिया सिंह, मालती, सोनू, संजय, यतीन्द्र मिश्रा, संतोष, मुकेश, सत्यप्रकाश, सिद्धार्थ, केशन, धर्मसिंह, चंद्रशेखर, संदीप, कैलाश, आदित्य, संजीव, श्यामसिंह, प्रमोद, रोचन सिन्हा, सरोज यादव, चंदन कुमार, राघवेंद्र, मुन्ना मौजूद रहे।



 खंजर सूत्र का बहुत बहुत आभार ! आपने एक राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल को कवरेज दी।
rakesh pandey.1955@gmail.com, 09 July 2025

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rakesh pandey.1955@gmail.com, 09 July 2025

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