कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने महाराष्ट्र विशेष सार्वजनिक सुरक्षा विधेयक की आलोचना की और इसे रौलेट एक्ट 1919 के समान बताया तथा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तुलना औरंगजेब से की। एएनाई से बातचीत में राज्य कांग्रेस प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि राज्य सरकार इस विधेयक को जल्द ही लाने की साजिश कर रही है। यह 1919 के रोलेट अधिनियम के समान है। उन्होंने दावा किया कि फडणवीस की हरकतें औरंगजेब जैसी क्रूर हैं और उनका तानाशाही व्यवहार, ब्रिटिश उपनिवेशवादियों जैसा है जो इस विधेयक के माध्यम से उजागर हो रहा है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि शहरी नक्सली अस्तित्व में नहीं है। आरएसएस और भाजपा को विकास से समस्या है और यह लोकतंत्र पर सीधा हमला है। हम इसका विरोध करेंगे। सकपाल ने महाराष्ट्र में चल रहे भाषा विवाद पर भी टिप्पणी की और इसके लिए भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि सभी भाषाओं में सामंजस्य होना चाहिए। लेकिन भाजपा को विविधता से दिक्कत है। हिंदी का विरोध करने का कोई कारण नहीं है, लेकिन भाजपा का एजेंडा हर चीज में हिंदू-मुस्लिम और भारत-पाकिस्तान को उभारना है।
उन्होंने कहा कि कुछ शक्तियां ध्रुवीकरण करना चाहती हैं और यही कारण है कि यह मुद्दा बहुत आगे बढ़ गया है। फिर वे एक भाषा, एक पोशाक, एक राष्ट्र और एक चुनाव की वकालत क्यों करते हैं? उन्होंने आगे कहा, यह हिंदी और मराठी के बीच संघर्ष बढ़ाने का प्रयास है और इसका एक छिपा हुआ राजनीतिक एजेंडा है...। आपको बता दें कि महाराष्ट्र विशेष सार्वजनिक सुरक्षा विधेयक (MSPS विधेयक) महाराष्ट्र में प्रस्तावित विधेयक है जिसका उद्देश्य शहरी नक्सलवाद को संबोधित करना है। यह विधेयक राज्य सरकार को संगठनों को गैरकानूनी घोषित करने की शक्ति देता है।