भारत के पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन की वजह से कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। सप्ताहांत में असामान्य रूप से भारी बारिश के कारण 23 बाढ़ और 16 भूस्खलन की घटनाओं के बाद उत्तर भारतीय राज्य में सैकड़ों घर, पुल, सड़कें और बिजली के खंभे बह गए। हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार की एक रिपोर्ट के अनुसार, 19 बादल फटने की घटनाएं भी हुईं, जिसमें अचानक भारी मात्रा में बारिश हुई। इस सप्ताह और अधिक बारिश की चेतावनी के साथ कई जिले भूस्खलन के लिए हाई अलर्ट पर हैं। हिमालय के पहाड़ी इलाकों में फैला हिमाचल प्रदेश हाल के वर्षों में बार-बार प्रभावित हुआ है क्योंकि जलवायु आपातकाल के कारण मानसून की बारिश अनियमित हो गई है और अधिक तीव्र, अनियंत्रित रूप से गिर रही है।
हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश होने के बीच स्थानीय मौसम विभाग ने मंगलवार को अगले 24 घंटों में सात जिलों के कुछ हिस्सों में अचानक हल्की से मध्यम बाढ़ आने की चेतावनी दी। ये जिले चंबा, कांगड़ा, मंडी, कुल्लू, शिमला, सोलन और सिरमौर हैं। मौसम विभाग ने अगले सोमवार तक अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने की चेतावनी देते हुए येलो अलर्ट भी जारी किया है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, सबसे अधिक प्रभावित मंडी जिले में 153 मार्गों समेत कुल 225 सड़कें बंद कर दी गई हैं, जबकि राज्य में 163 ट्रांसफॉर्मर एवं 174 जलापूर्ति योजनाओं पर असर पड़ा है। हिमाचल प्रदेश में एक जून से आठ जुलाई तक 203.2 मिलीमीटर (मिमी) बारिश हुई है, जबकि इस अवधि में सामान्यत: 152.6 मिमी वर्षा होती है। इस दौरान मंडी जिले में 110 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई, शिमला में 89 फीसदी और ऊना में 86 फीसदी वर्षा हुई।
मानसून ने 20 जून को हिमाचल प्रदेश में दस्तक दी थी। सोमवार शाम से राज्य के कई हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार, गोहर में 85 मिमी, सराहन में 84.5 मिमी, बैजनाथ में 60 मिमी, नाहन में 54.2 मिमी, पावंटा साहिब में 48 मिमी, नैना देवी में 46.2 मिमी, कसौली में 37 मिमी, जोगिंदरनगर में 28 मिमी, पालमपुर में 27.2 मिमी और शिमला में 19 मिमी बारिश दर्ज की गई।
अधिकारियों ने बताया कि 20 जून को मानसून के आगमन के बाद से हिमाचल प्रदेश में आकस्मिक बाढ़ की 23, बादल फटने की 19 और भूस्खलन की 16 घटनाएं हुई हैं तथा राज्य में बारिश से संबंधित घटनाओं में अब तक 52 लोगों की मौत हो चुकी है। मंडी जिले में लापता हुए लोगों की खोज और बचाव के लिये अभियान को तेज कर दिया गया है।
अधिकारियों का कहना है कि पिछले सप्ताह थुनाग, गोहर और करसोग उपसंभागों में 28 लोग लापता हो गये। उनका पता लगाने के लिए ड्रोन और खोजी कुत्तों की मदद ली जा रही है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में 20 जून से अब तक 80 मौतें हुई हैं। जिन 80 लोगों की मौत हुई है, उनमें से 52 की जान बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन जैसी बारिश से जुड़ी घटनाओं में गयी।
अधिकारियों ने बताया कि शेष 28 मौतें सड़क दुर्घटनाओं से जुड़ी थीं। एसईओसी के अनुसार, अब तक बारिश के कारण अनुमानित नुकसान लगभग 692 करोड़ रुपये है। अधिकारी ने कहा कि यह आंकड़ा बढ़ सकता है, क्योंकि डेटा अभी भी संकलित किया जा रहा है।