उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले से पुलिस ने बंधक बने 32 नेपाली युवकों को रिहा कराया है. इस बात की जानकारी रविवार को एक पुलिस अधिकारी ने दी. उन्होंने कहा कि युवकों ने बताया कि आरोपी उन्हें नौकरी के बहाने नेपाल से भारत लाया था और बाद में उन्हें बंधक बना लिया गया. इस अपराध में संलिप्त 3 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
भारत में नेपाल दूतावास के एक अधिकारी ने बताया कि इन बंधकों को रिहा करवाने का काम दूतावास, KIN इंडिया नामक एक सामाजिक संगठन और उत्तराखंड पुलिस ने मिलकर किया है. लेकिन उन्होंने बताया कि रिहा किए गए नागरिकों की संख्या 35 है.
बंधकों को नेपाल दूतावास के अधिकारियों को सौंपा गया
उधम सिंह नगर जिले के एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि नेपाली युवकों को जिले के काशीपुर इलाके से मुक्त कराया गया और नेपाल दूतावास के अधिकारियों को सौंप दिया गया. उन्होंने कहा कि दिल्ली में नेपाल दूतावास के अधिकारी ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी. जिसके बाद बचाव अभियान शुरू किया गया.
नौकरी का झांसा देकर लाया गया था भारत
दूतावास के एक अधिकारी ने बताया कि नेपाल से कुछ युवकों को नौकरी का लालच देकर भारत लाया गया और उधम सिंह जिले के काशीपुर इलाके में बंधक बनाकर रखा गया था. जानकारी मिलने के बाद काशीपुर क्षेत्र के अधिकारियों ने छापेमारी की, जिसमें उन्होंने बंधक बनाए गए युवकों को ओम विहार कॉलोनी में महाराज सिंह उर्फ पप्पू के घर से मुक्त कराया गया.
हर युवक से लिए 10,000 से 30,000 तक रुपये
रिहा कराए गए युवकों में से एक युवक ने बताया कि वीरेंद्र शाही नाम के एक व्यक्ति ने उन्हें नौकरी का झांसा देकर भारत लाया था. उसने बताया कि आरोपी ने हर एक युवक से 10,000 से 30,000 तक रुपये लिये थे. युवक ने कहा कि बंधक बनाए जाने के बाद सभी लोगों से लीड विजन ट्रेडिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का उत्पाद बेचने के लिए मजबूर किया जाता था. अगर कोई व्यक्ति ऐसा करने से मना करता था तो उसे वह लोग मारते थे, गाली गलौज करते थे और जान से मार देने की धमकी भी देते थे.
कंपनी के संस्थापक के कहने पर बनाते थे बंधक
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ करने पर पता चला कि लीड विजन डिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली के जनकपुरी इलाके में स्थित है. आरोपियों ने बताया कि वे कंपनी के मालिक चेतन हांडा के कहने पर यह काम करते थे. उन्होंने बताया लेकिन वह उस व्यक्ति से कभी नहीं मिले. आरोपियों ने बताया हांडा और उनके साथी हम लोगों से युवकों को नौकरी का झांसा देकर फंसाने के लिए कहते थे. पैसे लेने का आइडिया भी हांडा का ही था और लिया गया पूरा पैसा कंपनी के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता था. पुलिस अधिकारी मिश्रा ने कहा कि अगर आरोपियों कही बात सच निकली तो पुलिस चेतन हांडा के खिलाफ उचित कार्रवाई करेगा.
तीन आरोपियों को किया गया गिरफ्तार
पुलिस अधिकारी ने बताया कि युवकों को नेपाल से भारत लाने वाला वीरेंद्र शाही भी गाजीपुर के सचिन कुमार और रुद्रपुर के मनीष तिवारी के दबाव में काम करता था. एसएसपी ने बताया कि तीनों आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है.