New Delhi: 5G से AI मिशन तक, मोदी सरकार ने 11 साल में टेक्नोलॉजी के मामले में देश को ऐसे बनाया मजबूत

New Delhi: 5G से AI मिशन तक, मोदी सरकार ने 11 साल में टेक्नोलॉजी के मामले में देश को ऐसे बनाया मजबूत

मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद पिछले 11 सालों में भारत ने तेजी से डिजिटल रूप से सशक्त समाज बनने की दिशा में प्रगति की है. 2014 से 2025 तक, सरकार ने दूरदराज इलाकों में इंटरनेट को लोगों तक पहुंचाने, कनेक्टिविटी को मजबूत करने, 5जी को रोलआउट करने और इंडिया के एआई मिशन तक, टेक्नोलॉजी के मामले में कई बड़े कदम उठाए हैं जिससे देश आज टेक्नोलॉजी के मामले में काफी मजबूत है. मजबूत कनेक्टिविटी जब से मोदी सरकार आई है पिछले 11 सालों में देश के ग्रामीण इलाकों में मोबाइल नेटवर्क का तेजी से विस्तार हुआ है जिससे लोगों को मजबूत और बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी मिली है. शहरी कनेक्शन: मार्च 2014 में कुल 555.23 मिलियन शहरी टेलीफोन कनेक्शन थे जो अक्टूबर 2024 में बढ़कर 661.36 मिलियन हो गए. ग्रामीण कनेक्शन: मार्च 2014 के दौरान ग्रामीण टेलीफोन कनेक्शन का आंकड़ा 377.78 मिलियन था जो अक्टूबर 2024 में बढ़कर 527.34 मिलियन हो गया. कुल कनेक्शन: मार्च 2014 में भारत में कुल 93.3 करोड़ टेलीफोन कनेक्शन थे जो अप्रैल 2025 तक बढ़कर 120 करोड़ से ज्यादा हो गए हैं. इंटरनेट का विस्तार इंटरनेट कनेक्शन: मार्च 2014 में कुल इंटरनेट कनेक्शन 25.15 करोड़ थे जो जून 2024 में बढ़कर 96.96 करोड़ हो गए और ये 285.53 फीसदी की ग्रोथ को दर्शाता है. ब्रॉडबैंड कनेक्शन: मार्च 2014 की बात करें तो उस वक्त देश में 6.1 करोड़ ब्रॉडबैंड कनेक्शन थे जो अगस्त 2024 में बढ़कर 94.92 करोड़ हो गए, ये 1452 फीसदी की ग्रोथ को दर्शाता है. गांव भी हुए टेक्नोलॉजी रेडी: 2016 के बाद से देश में 4जी कनेक्टिविटी का तेजी से विस्तार हुआ है जिस वजह से आज देश के कोने-कोने तक हाई स्पीड कनेक्टिविटी की सुविधा मिल रही है. देश के 6 लाख 44 हजार 131 गांवों में से 6 लाख 15 हजार 836 गांवों में दिसंबर 2024 तक 4जी मोबाइल कनेक्टिविटी है. 5G से मिला देश को बूस्ट अक्टूबर 2022 में देश की डिजिटल यात्रा को 5G लॉन्च के बाद से बूस्ट मिला है, 22 महीनों में भारत ने 4 लाख 74 हजार बेस ट्रांसीवर स्टेशन बनाए हैं और 99.6 फीसदी जिलों में 5जी सेवाएं मिलती हैं. एक वक्त वो भी आया था जब 2014 में लोगों को 1GB इंटरनेट के लिए 308 रुपए तक खर्च करने पड़ रहे थे लेकिन मोदी सरकार के आने के बाद इंटरनेट की कीमतों में काफी अंकुश लगा है और आंकड़े बताते हैं कि 2022 में 1 जीबी इंटरनेट की लागत में भारी कटौती आई और कीमत घटकर केवल 9.34 रुपए रह गई. Bharatnet: गांव-गांव तक पहुंचा इंटरनेट मोदी सरकार का डिजिटल इंडिया की मुहीम का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों को भी इंटरनेट से जोड़ना है. मोदी सरकार के आने के बाद इस दिशा में भी काफी काम हुआ है और जनवरी 2025 तक भारतनेट परियोजना के तहत 2 लाख 18 हजार से ज्यादा ग्राम पंजायतों तक इंटरनेट की सुविधा को पहुंचाया गया है. सरकार ने इस पहल के तहत 6.92 लाख किलोमीटर तक की ऑप्टिकल फाइबर केवल को बिछाया है, जहां इंटरनेट की बुनियादी सुविधा नहीं थी वहां आज लोग इंटरनेट की मदद से ऑनलाइन अपने काम कर पा रहे हैं. 2030 तक डिजिटल अर्थव्यवस्था के देश की कुल अर्थव्यवस्था का लगभग पांचवां हिस्सा बनने की उम्मीद है और ये बदलाव इस बात को दर्शाता है कि देश टेक्नोलॉजी के मामले में मजबूत होता जा रहा है. इंडिया एआई मिशन पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 7 मार्च 2024 को इंडिया एआई मिशन को मंजूरी दी गई है. 30 मई 2025 तक, देश की कंप्यूट क्षमता 34 हजार जीपीयू को पार कर गई है और ये एआई-आधारित अनुसंधान और विकास की मजबूत नींव को दर्शाता है. 2015 में सरकार ने लोगों को जरूरी दस्तावेजों को डिजिटल रूप से सेव करने की सुविधा देने के लिए डिजिलॉकर को लॉन्च किया था. 2015 में ईयरली यूजर साइनअप की संख्या 9.98 लाख थी जो 2024 में बढ़कर 2031.99 लाख हो गई थी.

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