इतनी ऊँचाई से नीचे छुट्टा पशु दिखाई देते हैं क्या? अखिलेश यादव ने CM Yogi पर कसा तंज

इतनी ऊँचाई से नीचे छुट्टा पशु दिखाई देते हैं क्या? अखिलेश यादव ने CM Yogi पर कसा तंज

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फसलों का हवाई सर्वेक्षण करने के लिए आलोचना की और कहा कि उनमें जमीन पर गुस्साए किसानों का सामना करने का साहस नहीं है। आदित्यनाथ ने रविवार को मक्का की फसल का हवाई सर्वेक्षण किया था। यादव ने एक्स पर लिखा कि खेती-किसानी के लिए जो लोग हवाई सर्वे कर रहे हैं दरअसल उनके पास समय की कमी नहीं है बल्कि उस ‘साहस’ की कमी है जो ज़मीन पर किसानों के रोष-आक्रोश का साक्षात सामना कर सके। किसान पूछ रहे हैं, इतनी ऊँचाई से नीचे छुट्टा पशु दिखाई देते हैं क्या? दूसरी ओर योगी आदित्यनाथ ने रविवार को दावा किया कि वर्ष 2014 में नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बारकिसान सरकार के राजनीतिक एजेंडा का हिस्सा बने और उनके लिये विभिन्न नवोन्मेषी योजनाएं लागू की गयीं। मुख्यमंत्री ने ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के तहत औरैया में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “अन्नदाता किसान भी किसी सरकार के राजनीतिक एजेंडा का हिस्सा बन सकता है, यह आपको पहली बार वर्ष 2014 में देखने को मिला होगा, जब प्रधानमंत्री नरन्द्र मोदी ने ‘सॉइल हेल्थ कार्ड’ की व्यवस्था शुरू की थी।” उन्होंने कहा, “पहले कृषि वैज्ञानिकों के अलावा और कोई भी ‘सॉइल हेल्थ कार्ड’ के बारे में जानता ही नहीं था। उसके बाद प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई की योजना और फिर प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना शुरू की गयी। आज प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ देश के 12 करोड़ किसान प्राप्त कर रहे हैं।” आदित्यनाथ ने यह भी कहा, “अकेले उत्तर प्रदेश में ही अब तक अब तक दो करोड़ 86 लाख किसानों के खाते में 85 हजार करोड़ रुपए भेजे गए हैं।” मुख्यमंत्री ने कहा, “वर्ष 2017 में हमने सबसे पहले 86 लाख किसानों का 36000 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया। इसके अलावा अब तक 23 लाख हेक्टेयर भूमि को अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा दी गयी है।” मुख्यमंत्री ने मक्का के लिये खरीद केन्द्र स्थापित करने का ऐलान करते हुए कहा, “हम औरैया के किसानों को इस बात के लिए आश्वस्त करेंगे कि बहुत जल्द हम इसके लिए क्रय केंद्र स्थापित करके न्यूनतम समर्थन मूल्य की भी घोषणा करने वाले हैं।” उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की ‘डबल इंजन’ की सरकार ने पहली बार कृषि विश्वविद्यालयों और आईसीआर के वैज्ञानिकों को उनके केंद्रों से निकालकर खेतों में भेजने का काम किया है।

Leave a Reply

Required fields are marked *