सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित दो सप्ताह की राहत समाप्त होने के बाद, दोषी ठहराए गए भाजपा विधायक कंवरलाल मीना ने बुधवार को राजस्थान के झालावाड़ जिले के मनोहर थाना की एक अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। दोषसिद्धि के कारण बीजेपी विधायक कंवर लाल मीना राजस्थान विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया। अंता और मनोहरथाना से दो बार विधायक रहे मीना को 2005 में अकलेरा कस्बे के तत्कालीन उपखंड अधिकारी राम निवास मेहता को रिवॉल्वर से धमकाने के आरोप में तीन साल की सजा सुनाई गई थी। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार, दो साल से अधिक की सजा होने पर विधायक अयोग्य घोषित हो जाता है। मीना को शुरू में ट्रायल कोर्ट ने बरी कर दिया था, लेकिन बाद में 2020 में अपीलीय अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया, इस महीने की शुरुआत में राजस्थान उच्च न्यायालय ने इस फैसले को बरकरार रखा। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सजा को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को खारिज कर दिया। सूत्रों ने कहा कि भाजपा अभी भी मीना की विधानसभा सदस्यता समाप्त होने से बचने के तरीकों पर विचार कर रही है, जिसमें राज्यपाल से क्षमादान मांगना या उनकी तीन साल की सजा को घटाकर 23 महीने करना शामिल है। 2005 का मामला अब भी मीना के भविष्य पर छाया हुआ है, लेकिन उसके खिलाफ कम से कम 27 मामले दर्ज हैं। इंडियन एक्सप्रेस के विश्लेषण से पता चलता है कि इनमें दंगा-फसाद, सरकारी कर्मचारियों पर हमला, धर्म के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देना और पूजा स्थलों को अपवित्र करने से लेकर घर में घुसने तक के मामले शामिल हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता और उड़ीसा उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एस मुरलीधर ने सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि मीना के खिलाफ अब तक कुल 27 मामले दर्ज किए गए हैं। मीना के वकीलों के अनुसार, उन्हें लगभग सभी मामलों में बरी कर दिया गया है।
राजस्थान में कम हो गई BJP विधायक की संख्या, सजायाफ्ता के बाद कंवर लाल मीना अयोग्य घोषित



