प्राइवेट क्लिनिक चलाने वाले सरकारी डॉक्टर्स की खैर नहीं, अब होगा एक्शन, आदेश जारी

प्राइवेट क्लिनिक चलाने वाले सरकारी डॉक्टर्स की खैर नहीं, अब होगा एक्शन, आदेश जारी

ड्यूटी के समय पर अपना प्राइवेट क्लिनिक चलाने वाले सरकारी डॉक्टरों की अब खैर नहीं है. हाईकोर्ट की ओर से सरकारी डॉक्टर की प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाने के लिए कहा गया है. इनके लिए आदेश जारी किया गया है. हाईकोर्ट के आदेश पर प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, पुलिस आयुक्त, और सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र लिखकर प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगने के लिए कहा गया है.

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य में अपने पत्र में कहा है कि मेडिकल कॉलेज, राजकीय चिकित्सालय और जिला अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टर यदि प्राइवेट प्रैक्टिस की पुष्टि होती है, तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए शासन को अपनी रिपोर्ट भेजें. 2019 में प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाने के लिए जिला स्तर पर बनी कमेटी में संशोधन करते हुए अब पुलिस आयुक्त को भी शामिल किया गया है.

कौन-कौन होंगे कमेटी के सदस्य

पहले उत्तर प्रदेश में पुलिस आयुक्त प्रणाली नहीं थी. अब जिला स्तरीय कमेटी में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस आयुक्त , मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, पुरुष-महिला संयुक्त चिकित्सालय सदस्य होंगे. जिला अधिकारी की ओर से नामित अधिसूचना इकाई यानी लोकल इंटेलीजेंस के अलावा मुख्य चिकित्सा अधिकारी इस कमेटी के सदस्य होंगे.

पत्र लिखकर जानकारी दी जाए

डॉक्टर के अगर प्राइवेट प्रैक्टिस पाए जाने की पुष्टि होती है तो संबंधित कमेटी एक हफ्ते के अंदर शासन को रिपोर्ट भेजकर अवगत कराएगी. यह आदेश डॉ अरविंद गुप्ता बनाम उत्तर प्रदेश राज्य के मामले में न्यायालय के आदेश पर उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में जारी किया है. पत्र लिखकर निर्देशित किया गया है कि कोई भी राजकीय डॉक्टर अगर प्राइवेट प्रैक्टिस करता है तो उसके खिलाफ शासन को पत्र लिखकर जानकारी दी जानी चाहिए.

इन मेडिकल कॉलेजों के नाम शामिल

उत्तर प्रदेश आदेश में सभी मेडिकल कॉलेज जैसे पीजीआई, राम मनोहर लोहिया संस्थान, कल्याण सिंह सुपर स्पेशलिस्ट कैंसर संस्थान और संस्थान ग्रेटर नोएडा जेके कैंसर संस्थान कानपुर, हृदय रोग संस्थान , बाल चिकित्सा संस्थान संस्थान नोएडा, कानपुर समेत सभी जिला चिकित्सालय शामिल हैं. इन संस्थानों के डॉक्टर अगर प्राइवेट प्रैक्टिस करते नजर आते हैं, तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.

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