UP: वो कौन-सी मजबूरी थी कि अखिलेश यादव दौड़े-दौड़े प्रयागराज आये और संगम में स्नान किया?

UP: वो कौन-सी मजबूरी थी कि अखिलेश यादव दौड़े-दौड़े प्रयागराज आये और संगम में स्नान किया?

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को प्रयागराज महाकुम्भ पहुँच कर पवित्र संगम में डुबकी लगाई। हालांकि अटकलें लग रही थीं कि वह महाकुम्भ में शायद ही आयें। हम आपको याद दिला दें कि महाकुम्भ की शुरुआत में प्रयागराज आने की बजाय अखिलेश यादव ने हरिद्वार जाकर गंगा में डुबकी लगाई थी। लेकिन पिछले सप्ताह ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब अपने साथी मंत्रियों के साथ संगम में स्नान किया तो अखिलेश भी प्रयागराज आने को मजबूर हो गये। हम आपको याद दिला दें कि योगी आदित्यनाथ ने महाकुम्भ नगर में मंत्रिमंडल की बैठक भी आयोजित की थी जिसमें प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी पर दो नए सेतु समेत कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की गई थी।

अखिलेश यादव ने महाकुम्भ में स्नान और पूजा अर्चना कर अपने आलोचकों को जवाब तो दे दिया लेकिन एक सवाल तो खड़ा हो ही गया कि अचानक से वह प्रयागराज कैसे आ गये? इसके जवाब में राजनीतिक प्रेक्षकों की ओर से तमाम तर्क दिये जा रहे हैं। लेकिन इनमें सबसे बड़ा और अहम तर्क है अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर पांच फरवरी को होने वाला उपचुनाव। हम आपको बता दें कि मिल्कीपुर चुनाव जीतने के लिए भाजपा और विपक्षी इंडिया गठबंधन ने पूरा जोर लगा रखा है। लोकसभा चुनावों में विपक्षी गठबंधन ने अयोध्या-फैजाबाद संसदीय सीट पर भाजपा को हरा कर उसे तगड़ा झटका दिया था। अब विधानसभा उपचुनाव में जहां भाजपा पिछली हार का बदला लेने को आतुर है वहीं समाजवादी पार्टी इस सीट को बरकरार रख भाजपा को एक और तगड़ा झटका देना चाहती है।

लेकिन विपक्ष की राह इतनी आसान नहीं है क्योंकि मुख्यमंत्री योगी कभी प्रयागराज तो कभी अयोध्या का लगातार दौरा कर रहे हैं। हाल ही में मिल्कीपुर में भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर प्रहार करते हुए कहा था कि जातिवाद-परिवारवाद की राजनीति वे लोग कर रहे हैं, जिन्होंने केवल परिवार की चिंता की। भाजपा उम्मीदवार चंद्रभानु पासवान के समर्थन में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने महाकुंभ का हवाला देकर जातिवाद पर प्रहार करते हुए कहा था कि ‘‘महाकुंभ का एक ही संदेश- एकता से ही अखंड रहेगा यह देश, लेकिन जातिवाद-परिवारवाद एकता के मार्ग में सबसे बड़ी चुनौती होने के साथ विकास की राह में बाधा है।” उन्होंने कहा कि इसी क्षेत्र के डॉ. राम मनोहर लोहिया ने कहा था कि जो संपत्ति व संतति के चक्कर में पड़े, वह समाजवादी नहीं, लेकिन आज के समाजवादी संपत्ति के चक्कर में ही पड़े हैं। योगी के इसी बयान के बाद अखिलेश यादव प्रयागराज जाने को मजबूर हो गये।

अखिलेश यादव ने प्रयागराज में स्नान तो किया लेकिन वह यहां राजनीति करने से भी नहीं चूके। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह (महाकुंभ) एक बड़ा आयोजन है। जब सपा की सरकार थी, उस समय हमें महाकुंभ आयोजित कराने का मौका मिला था। उस समय हमने कम संसाधन में महाकुंभ आयोजित किया था।’’ अखिलेश यादव ने प्रयागराज के विकास से जुड़े मुद्दों और महाकुम्भ मेला परिसर में कथित अव्यवस्थाओं को लेकर भी योगी सरकार को निशाने पर लिया।

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