Pakistan की पूंछ कभी सीधी नहीं हो सकती, J&K में आतंक का अब भी सबसे बड़ा स्रोत है पाक

Pakistan की पूंछ कभी सीधी नहीं हो सकती, J&K में आतंक का अब भी सबसे बड़ा स्रोत है पाक

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा है कि पाकिस्तान आतंकवाद का ‘केंद्र’ है और वहीं से जम्मू-कश्मीर में हिंसा के कुचक्र को ‘संचालित’ किया जा रहा है। सेनाध्यक्ष की यह टिप्पणी काफी मायने रखती है क्योंकि पाकिस्तान ने आर्थिक रूप से कंगाली की कगार पर पहुँचने के बावजूद भारत के प्रति अपनी पुरानी नीति बरकरार रखी है। सेनाध्यक्ष की यह टिप्पणी इसलिए भी मायने रखती है क्योंकि पाकिस्तान के खुद के पाले हुए आतंकवादी अब उसके लिए भस्मासुर साबित हो रहे हैं उसके बावजूद वह प्रशिक्षण देकर आतंकवादियों को भारत भेजने की कोशिश करता रहता है।

हम आपको बता दें कि सेना दिवस से पहले एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से पर्यटन की तरफ ले जाने की ‘थीम’ धीरे-धीरे आकार ले रही है। उन्होंने कहा कि सेना को आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए आपातकालीन खरीद के लिए भी अनुमति दे दी गई है। थल सेनाध्यक्ष ने कहा कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तानी सेना के साथ 2021 का ‘संघर्ष विराम’ जारी है, लेकिन पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ की कोशिशें जारी हैं। हम आपको याद दिला दें कि तनाव कम करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम के तहत भारतीय और पाकिस्तानी सेनाओं ने 25 फरवरी, 2021 को घोषणा की कि वे 2003 के युद्धविराम समझौते के लिए खुद को प्रतिबद्ध करते हुए एलओसी पर गोलीबारी बंद कर देंगी।

जनरल द्विवेदी ने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर में हिंसा ‘आतंकवाद के केंद्र पाकिस्तान’ द्वारा ‘संचालित’ किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ महीनों में कई आतंकी हमले हुए हैं।’’ सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘पिछले साल मारे गए आतंकवादियों में से 60 प्रतिशत पाकिस्तान मूल के थे। आज तक (कश्मीर) घाटी और जम्मू क्षेत्र में जो भी शेष बचे हैं, हमें लगता है कि उनमें से लगभग 80 प्रतिशत या उससे अधिक पाकिस्तान मूल के हैं।’’ जनरल द्विवेदी ने हालांकि जोर देकर कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में स्थिति ‘पूरी तरह से नियंत्रण में’ है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सीमा पर आतंकी ढांचा ‘‘बरकरार’’ है। उन्होंने कहा कि हाल के महीनों में उत्तरी कश्मीर और डोडा-किश्तवाड़ क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ी हैं, लेकिन समग्र रूप से हिंसा नियंत्रण में है।


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