देहरादून के प्रेमनगर नंदा की चौकी स्थित द टोंसब्रिज स्कूल का वार्षिकोत्सव धूमधाम से मनाया गया। बच्चों ने गीत, नृत्य से सभी को मंत्रमुग्ध किया। मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने छात्रों की प्रस्तुति और स्कूल के कार्यों की सराहना की। स्कूल के सभागार में आयोजित कार्यक्रम का मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, पर्यावरणविद पद्मभूषण डा. अनिल जोशी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस दौरान आइटीबीपी के जवानों ने बैंड की प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्र मुग्ध किया। मुख्य अतिथि ने प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर परिसर में पौधा रोपा। इसके साथ ही हवन यज्ञ कार्यक्रम में भी प्रतिभाग किया। मुख्य अतिथि ने छात्रों की हौसला अफजाई करते हुए उन्हें सम्मानित भी किया।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने वार्षिक समारोह मैं मौजूद छात्रों-अविभावकों सहित सभी व्यक्तियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा जब भी मैं उत्तराखंड आता हूं मुझे नई उर्जा, प्रेरणा के साथ काम करने की नई दिशा मिलती है। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा जीवन के अंदर विधार्थियों के लिए विद्यार्थी जीवन सबसे स्वर्णिम काल होता है। जहां वह जिंदगी को जीता है और उसके साथ-साथ अपने कैरियर का निर्माण भी करता है। वह अपने मित्रों के साथ सहयोगियों के साथ लंबे समय गुजारने का अवसर विधालय में मिलता है। जहां वह अपने मित्रों के साथ जिंदगी के स्वर्णिम अवसर जीता है। वहीं विधालय के अध्यापक भी विधार्थियों के बेहत्तर भविष्य के लिए अपना जीवन विधार्थियों के लिए समर्पितं कर देते है। विद्यालय के संचालकों ने छात्रों में अच्छे गुणों को डाल रहे हैं। विधालय में शुरूआत अगर विशिष्ट ज्ञान व गुणों से होती है तो जीवन बेहत्तर होता है।
आपको बता दें कि संबोधित करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा इस विद्यालय को मैने देखा बेहतर महसूस किया। विधायल में स्थित सीडीएस जनरल बिपिन रावत की प्रतिमा से हमें अनुसाशन व देशभक्ति की प्रेरणा मितली है। देश की रक्षा करने वाले सैकड़ो सैनिक से लेकर अधिकारी तक इस धरती पर निवास करते हैं और उनकी इच्छा रहती है कि देहरादून में पढ़ने वाला हर विधार्थी अनुशासित और राष्ट्रभक्त नौजवान बने। ऐसा ही भाव विद्यालय में भी देखने को मिलता है।
आगे उन्होनें कहा कि पद्मश्री, पद्म विभूषण अनिल जोशी ने पर्यावरण को लेकर देश में नया जनांदोलन खड़ा किया। दुनिया जिसको लेकर चिंतित है अनिल जोशी जी ने उसको लेकर नया आंदोलन शुरू किया। जल-जंगल-जमीन को बचाने की प्रेरणा विद्यार्थी को बाल्यकाल से मिलनी चाहिए। वह अपने जीवन को पर्यावरण के अुनकूल जीये। वह जल को संचय करने का प्रयास करे। जंगल को लगाने का प्रयास करे एसें विचार उसके मन में होने चाहिए। आज छात्रों को दिलाई गई शपथ में जीवन के अंदर हमारे क्या-क्या कार्य हैं यह सब विधमान है। विधार्थियों के बाल्यकाल से अच्छे संस्कार होंगे तो भविष्य भी बेहत्तर होगा और मजबूत राष्ट व देश का निर्माण होगा। मुझे गर्व है भारत के नौजवान विधार्थियों पर जिनमें अदभुत क्षमता है। ज्ञान, विज्ञान, नए विचार, शोध व रिसर्च की क्षमता है। इसके साथ आध्यात्मिक उर्जा भी है। जो आंतरिक उर्जा को नई प्रेरणादेते हैं।
ऐसे में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा भौतिक संसाधनों में तेजी से आगे बढ़ रहा भारत आज आध्यमिक, धर्म और संस्कारों के कारण भारत दुनिया का नेतृत्व कर रहा है। दुनिया के विकसित देशों के अंदर भी उस विकसित देश को आगे बढ़ाने में भारत के नौजवानों का योगदान है। मैने इस विद्यालय में देखा कि जीवन में अनुशासन और कला का कितना महत्व है। बच्चे खेलों में अपना नेतृत्व दे रहे हैं। यहां के कई बच्चे राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपना योगदान दे रहे हैं। संगीत, कला, आध्यात्म हर क्षेत्र में यहां के बच्चे अपना परचम लहरा रहे हैं। इसके लिए यहां के शिक्षकों के योगदान को भी में बधाई देता हूं। हर चुनौतियों को अवसर में बदलने की क्षमता विधार्थी जीवन से छात्रों में आती है। आज आवश्यकता है कि विधालयी जीवन में ऐसे संस्कार व शिक्षा दिये जायें कि दुनिया की 21 वीं शताब्दी भारत की शताब्दी हो। यह जिमेदारी नौजवनों की है आपकी है। भारत में कई ऐसी शििख्सयत हैं जिन्होंने अभावों में रहकर कठिन चुनौतियों से विज्ञान व तकनीकी में बड़े अविष्कार किये हैं। जब हम अपने पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जी का जीवन देखते हैं। तो बड़ी प्रेरणा मिलती है। उन्होंने भारत का नाम दुनिया में किया।