अगले महीने महाराष्ट्र में चुनावी शतरंज की बिसात पर जंग होने वाली है। इस मैदान में महाविकास अघाड़ी और महायुति के बीच शह और मात का खेल खेला जाने वाला है। इस खेल में कौन किसे शिकस्त देगा यह अभी भविष्य की गर्त में छिपा हुआ है लेकिन सबने हर एक खाने में गोटियां बिछा दी हैं। उच्चकोटि के पैदल सैनिकों की तलाश की जा रही है बाकी महारथी उनके पीछे खड़े हुए हैं। कौन किस खाने में कितना मजबूत है हम भी लगातार इसके विश्लेषण में लगे हुए हैं। इसी लड़ाई में भाग लेने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने गंगापुर विधानसभा सीट से प्रशांत बंब के मैदान में उतारा है।
गंगापुर विधानसभा सीट औरंगाबाद संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आती हैं। इस सीट का इतिहास पुराना है। गंगापुर विधानसभा सीट 1962 से अस्तित्व में है। भारतीय जनता पार्टी के प्रशांत बंब इस सीट से मौजूदा विधायक हैं। 2019 में प्रशांत बंब ने एनसीपी के माने पाटिल को हराया था।
गंगापुर सीट का इतिहास
इस सीट के इतिहास के मुताबिक, पहले तीन दशक तक यहां कांग्रेस का दबदबा रहा। लेकिन 1978 में कांग्रेस से टूटकर बनी भारतीय कांग्रेस (समाजवादी) ने 1985 में जीत दर्ज की। 1990 के चुनाव के बाद गंगापुर पर शिवसेना का दबदबा रहा। लेकिन 2009 प्रशांत बंब ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीतकर शिवसेना के विजय रथ को रोक दिया। जिसके बाद से यहां प्रशांत बंब ने दबदबा कायम रखा हैं।
जानिए जातीय समीकरण
गंगापुर विधानसभा सीट सामान्य वर्ग की सीट है। इस सीट पर 2019 के आंकड़ों के मुताबिक, कुल 3 लाख 15 हजार वोटर्स हैं। यहां एससी कैटगरी के 14 प्रतिशत मतदाता है वहीं एसटी वर्ग के मतदाताओं की संख्या लगभग पांच प्रतिशत हैं।
2024 की संभावनाएं?
2009 से गंगापुर विधानसभा सीट पर प्रशांत बंब का बोलबाला है। 2009 से उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इसके बाद 2014 व 2019 में प्रशांत बंब को भाजपा ने अपने टिकट पर लड़ाया। लगातार बढ़ रहे प्रशांत के कद को 2024 में कौन चुनौती देगा, यह देखना दिलचस्प होगा।