स्टार पहलवान और कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट ने मंगलवार को साक्षी मलिक के उन दावों पर असहमति जताई कि एशियाई खेलों के ट्रायल से छूट लेने के उनके और बजरंग पूनिया के फैसले से बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ उनका प्रदर्शन कमजोर पड़ा। ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी ने अपनी किताब विटनेस में दावा किया है कि विनेश और बजरंग के फैसले से उनका आंदोलन ‘स्वार्थपूर्ण’ लगने लगा।
विनेश ने पीटीआई वीडियो से कहा ,‘‘ यह उसकी निजी राय है। मैं इससे सहमत नहीं हूं। जब तक मैं कमजोर नहीं हूं, लड़ाई कमजोर नहीं हो सकती। यह मेरा मानना है। जब तक साक्षी, विनेश और बजरंग जिंदा है, यह लड़ाई कमजोर नहीं हो सकती।’’ उन्होंने कहा ,‘‘जिन्हें जीतना है , उन्हें कभी कमजोर नहीं होना चाहिये। उन्हें हमेशा मैदान पर डटकर लड़ना चाहिये। इसके लिये कठोर होना और चुनौतियों का सामना करना जरूरी है। हम लड़ाई के लिये तैयार हैं।’’
साक्षी ने किताब में बताया कि जब बजरंग और विनेश के करीबी लोगों ने उनके दिमाग में लालच भरना शुरू किया तो उनके विरोध प्रदर्शन में दरार आने लगी। इन तीनों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृजभूषण पर अपने कार्यकाल के दौरान महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था और मामला दिल्ली की अदालत में चल रहा है।
डब्ल्यूएफआई के निलंबन के बाद तदर्थ समिति ने कुश्ती का कामकाज देखना शुरू किया जिसने बजरंग और विनेश को 2023 एशियाई खेलों के ट्रायल्स में छूट दी लेकिन साक्षी ने अपने साथियों के सुझाव के बावजूद ऐसा नहीं करने का फैसला किया। अंत में साक्षी एशियाई खेलों में हिस्सा नहीं ले सकीं लेकिन विनेश खेलों से पहले चोटिल हो गईं और बजरंग पदक जीतने में असफल रहे।