मंगलवार को बेंगलुरु में एक निर्माणाधीन इमारत ढहने से तीन लोगों की मौत हो गई और कम से कम 14 श्रमिकों के फंसे होने की आशंका है। यह घटना शहर के हेनूर इलाके में भारी बारिश के बीच हुई। अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं के सूत्रों ने पुष्टि की है कि उन्होंने तीन शव बरामद किए हैं। जीवित बचे लोगों या शवों को खोजने के लिए बचाव अभियान अभी भी जारी है। यह घटना मंगलवार को शहर के बाबूसाब पाल्या इलाके में हुई। इस बीच, बचाव दल ने अब तक 3 व्यक्तियों को सफलतापूर्वक बचाया है, और शेष लोगों को बचाने के प्रयास जारी हैं।
जानकारी के अनुसार, अधिकारी मौके पर हैं, और आपातकालीन सेवाएं फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए काम कर रही हैं। इमारत ढहने का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है, और आगे की जानकारी का इंतजार है। बेंगलुरु के पूर्वी हिस्से में होरामावु अगरा इलाके में एक इमारत ढहने के बाद कम से कम 17 लोगों के फंसे होने की आशंका है। बचाव अभियान जारी है।
प्रारंभिक जांच के अनुसार, पूरी इमारत ढह गई जिसके बाद लोग इसके नीचे फंस गए, एक अग्निशमन विभाग के अधिकारी ने पीटीआई को बताया। बचाव अभियान में अग्निशमन और आपातकालीन विभाग की दो बचाव वैन को लगाया गया है। यह इमारत उस दिन गिरी जिस दिन शहर के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई। देश की आईटी राजधानी में मंगलवार को फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की पांच टीमों को तैनात किया गया था। उत्तरी बेंगलुरु में बारिश का सबसे ज्यादा असर देखने को मिला क्योंकि येलहंका और उसके आसपास के कई इलाकों में बाढ़ आ गई।
बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका के अनुसार, मंगलवार आधी रात से मंगलवार सुबह 6 बजे तक येलहंका में मात्र छह घंटे में 157 मिमी (छह इंच) बारिश हुई। येलहंका के केंद्रीय विहार में कमर तक पानी भरा हुआ था। बचावकर्मियों ने लोगों को डोली की मदद से बचाया। जलभराव के कारण उत्तरी बेंगलुरु में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। लोगों ने घरों के अंदर रहना ही बेहतर समझा, जबकि कई यात्रियों की फ्लाइट, ट्रेन और बसें छूट गईं। जिन इलाकों में बाढ़ आई, वहां बच्चे स्कूल नहीं जा पाए। निचले इलाकों और झीलों के पास के कई घर जलमग्न हो गए।