नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को पार्टी कार्यालय में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के आगमन पर जश्न मनाया। उमर अब्दुल्ला ने बुधवार, 16 अक्टूबर को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में एक समारोह के दौरान जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में और सुरिंदर कुमार चौधरी ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। इसके बाद पार्टी कार्यकर्तओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि अब उनकी समस्याएं सुनी जाएंगी और हल किया जाएगा।
इसके साथ ही उमर अब्दुल्ला ने कहा कि नतीजे घोषित होने से पहले ही, कुछ लोग अफवाह फैला रहे थे कि जम्मू के लोगों की अब उपेक्षा की जाएगी क्योंकि उन्होंने एनसी उम्मीदवार को नहीं चुना है। उन्होंने दावा किया कि मैंने कहा कि यह सरकार सबके लिए काम करेगी और सबके प्रतिनिधि होंगे। और हम न केवल अपने मतदाताओं, बल्कि जम्मू-कश्मीर के सभी लोगों की जरूरतों को पूरा करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि हमारे ऊपर डिप्टी सीएम मनोनीत करने की कोई बाध्यता नहीं थी। लेकिन हमने एक बनाया, वह भी सत्ताधारी पार्टी से।
उन्होंने कहा कि यह उन सभी को जवाब है जिन्होंने नेकां के खिलाफ केवल मुस्लिम पार्टी होने के नाते सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि हमारे डिप्टी सीएम जम्मू से हैं और हिंदू समुदाय से हैं और उनका मेरे परिवार से कोई लेना-देना नहीं है। इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के लिए सिविल सचिवालय पहुंचे थे। यह केंद्र शासित प्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक क्षण था। अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत किया गया तथा उन्होंने (मुख्यमंत्री ने) सलामी गारद का निरीक्षण किया।
जम्मू-कश्मीर का दर्जा राज्य से घटाकर केंद्र शासित प्रदेश किये जाने के बाद यहां के पहले मुख्यमंत्री बने अब्दुल्ला अपने कार्यालय कक्ष में पहुंचे जहां औपचारिक रूप से कार्यभार संभालने से पहले कर्मचारियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। अब्दुल्ला ने अपने कार्यालय की कुर्सी पर बैठे हुए फोटो के साथ ‘एक्स’ पर लिखा, “मैं वापस आ गया हूं।” जम्मू-कश्मीर जब एक पूर्ण राज्य था तब 2009 से 2014 के बीच भी अब्दुल्ला मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उन्होंने अपने नए प्रशासन की रूपरेखा तय करने के लिए प्रशासनिक सचिवों के साथ एक परिचयात्मक बैठक की।