उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बहराइच हिंसा में मारे गए रामगोपाल मिश्रा के परिजनों से मुलाकात की है। इस मुलाकात के दौरान योगी ने साफ तौर पर स्पष्ट किया कि दोषिय़ों को छोड़ा नहीं जाएगा। इस दौरान रामगोपाल के पिता, मां और पत्नी उपस्थित थे। योगी ने एक्स पर लिखा कि जनपद बहराइच की दुर्भाग्यपूर्ण घटना में काल-कवलित हुए युवक के शोक संतप्त परिजनों से आज लखनऊ में भेंट की। उन्होंने कहा कि दुःख की इस घड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार पूरी संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता से पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है।
योगी ने आगे लिखा कि आश्वस्त रहें, पीड़ित परिवार को न्याय दिलाना हमारी सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। इस घोर निंदनीय और अक्षम्य घटना के दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। मंसूर गांव के महराजगंज बाजार में सांप्रदायिक झड़प के दौरान 22 वर्षीय राम गोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जब दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन के लिए एक जुलूस इलाके से गुजर रहा था। इससे पहले संकटग्रस्त महसी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री मृतक के परिजनों से मिलेंगे और उन्होंने पथराव और गोलीबारी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की कसम खाई है।
विधायक ने यह भी कहा कि हिंसा के मद्देनजर थाना प्रभारी सुरेश कुमार वर्मा और स्थानीय पुलिस चौकी के प्रभारी को रविवार रात निलंबित कर दिया गया। इस बीच, मिश्रा के परिवार ने राम गोपाल की मौत के लिए पुलिस की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है। मृतक के रिश्तेदार प्रमोद कुमार ने एएनआई को बताया, "यह घटना पुलिस की लापरवाही के कारण हुई। अगर हमें पुलिस से सुरक्षा मिलती तो ऐसा नहीं होता।" उन्होंने दोषियों को सजा देने और राम गोपाल की पत्नी को उचित अनुग्रह राशि देने की मांग की.
क्षेत्र में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है और कानून एवं व्यवस्था की स्थिति सुनिश्चित करने के लिए पीएसी और आरआरएफ की 12 कंपनियों के साथ भारी पुलिस तैनाती की गई है। आरोपी सलमान की तलाश में उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स की एक टीम भी बहराइच पहुंची। समाजवादी पार्टी ने हिंसा की जिम्मेदारी योगी आदित्यनाथ सरकार पर डालते हुए राज्य की भाजपा सरकार की आलोचना की।