पिछले काफी समय में कई वारदातें ऐसी सामने आयी है जिसमें मरीजों के परिवार ने अस्पताल में डॉक्टरों को दंबगई दिखाई है। कभी उन्हें पीटा है तो कभी गालियां दी है। अस्पताल में डॉक्टरों की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। ताजा मामला गुजरात के भावनगर से आया है। भावनगर के एक निजी अस्पताल के डॉक्टर पर तीन लोगों ने कथित तौर पर हमला किया। झगड़ा बहुत ही मामूली बात पर शुरू हुआ जब इमरजेंसी रूम में जाने से पहले डॉक्टरों ने मरीज के परिजरों को जूते उतारने को कहा था। यह घटना 12 सितंबर को सीहोर शहर के श्रेया अस्पताल में हुई, घटना के तुरंत बाद पुलिस ने हमले में शामिल तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इमरजेंसी वार्ड में जूते पहनकर जानें से रोका तो डॉक्टरों की मरीज के परिवार वालों ने कर दी पीटाई अस्पताल का एक वीडियो गलत कारणों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, इमरजेंसी वार्ड में जाने से पहले मरीज के परिजनों से चप्पल उतारने को कहने पर डॉक्टर की पिटाई की गई। बताया जा रहा है कि घटना शनिवार को उस समय हुई, जब आरोपी एक महिला का इलाज कराने अस्पताल पहुंचे थे। महिला के सिर में चोट लगी थी। डॉक्टर जयदीप सिंह गोहिल ने मरीज के परिजनों से इमरजेंसी वार्ड के बाहर चप्पल उतारने को कहा। इस पर परिजन भड़क गए और डॉक्टर की पिटाई शुरू कर दी। घटना वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। सीसीटीवी में दिख रहा है कि मारपीट के दौरान मरीज और मौजूद नर्स ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, लेकिन मारपीट बढ़ती गई। मारपीट के दौरान कमरे में रखी दवाइयां और अन्य उपकरण भी क्षतिग्रस्त हो गए। संदिग्धों की गिरफ़्तारी पुलिस ने मारपीट में शामिल तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। हिरेन डांगर, भवदीप डांगर और कौशिक कुवाडिया के रूप में पहचाने गए संदिग्धों को धारा 115(2) (नुकसान पहुँचाने का इरादा), 352 (शांति भंग करने के लिए जानबूझकर अपमान करना), 351(3) (आपराधिक धमकी) और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के अन्य प्रासंगिक प्रावधानों के तहत गिरफ़्तार किया गया। कोलकाता में चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच डॉक्टर पर हमला हुआ, जहाँ डॉक्टर अपनी सुरक्षा और संरक्षण के लिए कड़े कानूनों की माँग करते हुए सड़कों पर उतर आए हैं। अगस्त में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ।