महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में एक बार फिर से दटराव देखने को मिल रही है। दोनों पक्षों ने अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत शुरू कर दी है। हालाँकि एमवीए में तनाव बढ़ता जा रहा है। बातचीत शुरू तो हो गई थी लेकिन वह बढ़ नहीं सकी है। यही कारण है कि शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने इसको लेकर निराशा जताया है। संजय राउत ने विधानसभा चुनावों के लिए सीट-बंटवारे की बातचीत में देरी के लिए महाराष्ट्र में कांग्रेस नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है। राउत ने कहा कि विपक्षी गठबंधन जिसमें उद्धव ठाकरे की शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी (एसपी) शामिल हैं, कुछ क्षेत्रीय खिलाड़ियों के साथ, सीट-बंटवारे से संबंधित मुद्दों को सुलझाने के लिए मुंबई में एक साथ बैठेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इन दिनों बहुत व्यस्त है, लेकिन फिर भी हमने इसे (बातचीत) खत्म करने के लिए उन्हें बुलाया है। हमने कांग्रेस नेताओं को आमंत्रित किया है। वे इतने व्यस्त हैं कि हर दिन तारीख पे तारीख होती है। इसलिए हमने फैसला किया कि हम अगले तीन दिनों तक एक साथ बैठेंगे। मंगलवार को, सेना सांसद ने कहा कि तीनों दलों के नेता बुधवार से शुक्रवार तक सीट बंटवारे पर बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि मुंबई पर बातचीत लगभग तय हो चुकी है लेकिन क्षेत्रवार चर्चा करने की जरूरत है क्योंकि महाराष्ट्र एक विशाल राज्य है। बताया जा रहा है कि शिवसेना (यूबीटी) की नजर मुंबई की 36 में से 20-22 सीटों पर है। मीडिया रिपोर्ट बता रहे हैं कि शिवसेना (यूबीटी) का लक्ष्य महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से 115 से 125 सीटों पर चुनाव लड़ने का है। 2019 के विधानसभा चुनाव में अविभाजित शिवसेना ने एनडीए में 124 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जबकि बीजेपी और अन्य सहयोगियों के लिए 163 सीटें छोड़ी थीं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर में होने की संभावना है।