भारत में मल्टिनेशनल कंपनियों का दौर है क्योंकि यह तनख्वाह अच्छी देते हैं और टेलेंट को पहचानते हैं। और इस तरह से भारत की 140 करोड़ की जनता का घर चलता रहे सरकार भी इसे एक अच्छी डील समझती हैं। लेकिन इस तरह के ओवर वर्क लोड ने कंपनी में काम कर रहे लोगों की जिंदगी में बहुत ही विपरीत असर डाला है। लोगों ने पैसा तो कमाना शुरू कर दिया लेकिन उनका लाइफस्टाइल पूरी तरह से बिगड़ गया। जो पैसा लोग कमा रहे हैं दूसरी तरफ वह उसे डॉक्टर्स को देकर आ रहे हैं। काम के तनाव, गंदा लाइफस्टाइल और सिस्टम पर पूरे-पूरे दिन बैठे रहने से शरीर में बहुत तरह की बीमारियां हो रही है और लोग कमजोर हो रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण पुणे में बहुराष्ट्रीय परामर्श फर्म अर्न्स्ट एंड यंग (EY) की 26 वर्षीय कर्मचारी की मौत हैं। इस लड़की ने कंपनी के लिए अपनी जान दे दी लेकिन कंपनी का एक कर्मचारी महिला के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुआ। पुणे के येरवडा में EY ग्लोबल की सदस्य फर्म एसआर बटलीबोई के साथ काम करने वाली सीए अन्ना सेबेस्टियन पेरायिल की 20 जुलाई को शहर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। उन्हें बेचैनी महसूस होने और थकावट की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पुणे में मरने वाली 26 वर्षीय कर्मचारी के परिवार ने आरोप लगाया है कि काम के दबाव और लंबे समय तक काम करने के कारण उसकी मौत हो गई। अर्न्स्ट एंड यंग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (EY) ने इस आरोप को खारिज कर दिया। लड़की ने चार महीने तक EY इंडिया में काम किया था। मां ने दावा किया कि अर्न्स्ट एंड यंग (EY) की 26 वर्षीय कर्मचारी की मौत अत्यधिक कार्यभार के कारण हुई। अन्ना सेबेस्टियन पेरायिल ने EY में चार्टर्ड अकाउंटेंट के तौर पर चार महीने पहले ही काम के दबाव के कारण काम करना शुरू किया था, उनकी मां अनीता ऑगस्टीन ने EY इंडिया के चेयरमैन राजीव मेमानी को लिखे पत्र में इस बात कास जिक्र किया है। अपने पत्र में, अन्ना की माँ ने दावा किया कि अर्न्स्ट एंड यंग उनकी बेटी की पहली नौकरी थी और वह कंपनी में शामिल होने को लेकर रोमांचित थी। हालाँकि, सिर्फ़ चार महीनों के भीतर, वह अत्यधिक कार्यभार के आगे झुक गई। पत्र में दावा किया गया कि अन्ना देर रात तक और सप्ताहांत पर काम करती थी, ज़्यादातर दिनों में पूरी तरह थक कर अपने पेइंग गेस्ट आवास पर लौटती थी, और एक नवागंतुक के रूप में पीठतोड़ काम के बोझ तले दबी हुई थी। उसे अपनी जान देकर इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी अन्ना की माँ ने अपने दिल दहला देने वाले पत्र में कहा कि अर्न्स्ट एंड यंग से कोई भी उसके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुआ। अनीता ऑगस्टाइन ने EY इंडिया के चेयरमैन को लिखे अपने पत्र में कहा अन्ना स्कूल और कॉलेज में टॉपर थी, पाठ्येतर गतिविधियों में बेहतरीन थी, और उसने अपनी CA परीक्षाएँ डिस्टिंक्शन के साथ पास कीं। उसने EY में अथक परिश्रम किया, और अपनी माँगों को पूरा करने के लिए अपना सब कुछ झोंक दिया। हालाँकि, कार्यभार, नया वातावरण और लंबे घंटों ने उसे शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक रूप से बहुत परेशान किया।