देश के राज्य अरुणाचल प्रदेश को उगते सूरज की धरती कहा जाता है. यहां एक गांव ऐसा भी है जहां सूरज तब निकलता है जब आप गहरी नींद में सो रहे होते हैं. इस गांव में सूर्योदय सबसे पहले होता है. यहां तक कि इसी गांव में सूरज सबसे पहले डूबता भी है. देश के बाकी हिस्सों से यहां सूर्यादय और सूर्यास्त में काफी अंतर है. कन्याकुमारी से कश्मीर तक फैले भारत देश कई मामलों में अलग-अलग है. भाषा, खान-पान, पहनावा और संस्कृति हर 20 मील पर बदली नजर आती है. देश में पहाड़, रेगिस्तान, समुद्र और बर्फीले नजारे देखने को मिल जाते हैं. यूं कहें कि दुनिया की हर खूबसूरती का नजारा आप भारत देश में देख सकते हैं. ऐसे ही खूबसूरत पल तब बनते हैं जब पूरा देश रात में अंधेरे की चादर ताने सो रहा होता है तब एक छोटे से गांव में सूरज की किरणें फूट पड़ती हैं. वह गांव, जहां उगता है सबसे पहले सूरज सबसे पहले सूरज निकलने का सिलसिला जिस गांव में होता है वह अरुणाचल प्रदेश की डोंग वैली में मौजूद गांव डोंग है. यहां सूरज निकलने का समय सुबह 3 से 4 बजे के बीच होता है. जब देश के बाकी इलाकों में लोग सो रहे होते है तब यहां सूरज उग चुका होता है और गांव के लोग काम पर निकल पड़ते हैं. डोंग गांव में चारो ओर हरियाली फैली है. पहाड़ों पर बसे इस गांव की खूबसूरती को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं. सबसे पहले होता है सूर्यास्त डोंगी गांव में जिस तरह देश के बाकी इलाकों से पहले सूरज निकलता है वैसे ही सबसे पहले छुपता भी है. यहां सूरज तब छुपना शुरू हो जाता है जब देश के बाकी इलाकों में लोग शाम की चाय पीने की तैयारी करते हैं. यहां सूरज छिपने का समय शाम 4 बजे के आसपास होता है. गांव के लोग 4 बजे से बिस्तर तैयार कर सोने की तैयारी शुरू कर देते हैं. शाम के 4 बजते ही गांव में अंधेरा हो जाता है और लोग सो जाते हैं. यह गांव जमीन से करीब 1240 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. डोंग गांव प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है.डोंग गांव प्रतिबंधित क्षेत्र भी है, क्योंकि गांव में स्वदेशी जनजातियों के कुछ निवासी रहते हैं. अरुणाचल प्रदेश के अलावा अन्य स्थानों से आने वाले लोगों को प्रदेश सरकार द्वारा जारी आईएलपी या इनर लाइन परमिट के लिए आवेदन करना होता है.