मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा हथौड़ा लेकर खुद ही मस्जिद तोड़ने की घटना की खूब चर्चा हो रही है। शिमला की संजौली मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद के बीच अब मंडी में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने खुद ही मस्जिद तोड़नी शुरू कर दी है। शिमला की सड़कों पर बवाल देख मंडी में रहने वाले मुस्लिम मस्जिदों के अवैध हिस्से को खुद ही तोड़ रहे हैं। आपको बता दें कि मस्जिद का ये हिस्सा लोक निर्माण विभाग की जमीन पर बनाया गया था जिसे तोड़ा जा रहा है। शिमला और मंडी में हिंदुओं का प्रदर्शन देख पहली बार मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक बड़ा ऐलान किया है। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अमन शांति की बातें करनी शुरू कर दी है। मुस्लिम पक्ष ने अब खुज संजौली मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराने का प्रस्ताव रख दिया है। मस्जिद के इमाम अब बोल रहे हैं कि अमन और भाई चारा बस बना रहना चाहिए। शिमला के जामा मस्जिद के इमाम मुफ्ती मोहम्मद शफ़ी कासमीने कहा कि हमने इसमें (ज्ञापन) कहा है कि, इस क्षेत्र में इस सीमावर्ती राज्य में भाईचारे (समुदायों के बीच) की एक बड़ी आवश्यकता है। हम हमेशा यहां रहते हैं सद्भावना बनाए रखने के लिए यदि कोई हिस्सा (मस्जिद का) अवैध है, तो हमें बताएं और हम इसे स्वयं हटाने के लिए तैयार हैं। संजौली मस्जिद के इमाम शैजाद आलम का कहना है कि हमने यह आवेदन इसलिए दिया क्योंकिहिमाचल प्रदेश के सभी लोग दशकों से सद्भाव के साथ रह रहे हैं। हम भविष्य में भी सद्भाव और प्रेम से रहना चाहते हैं। इसे राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए। इसलिए हमने यह आवेदन दिया कि हम उस हिस्से को खुद ही तोड़ देंगे। हम ऐसा किसी के दबाव में नहीं कर रहे हैं, हम पर सिर्फ दबाव है कि सौहार्द बनाए रखना है। संजौली मस्जिद मामला शिमला पुलिस ने 11 सितंबर को विरोध प्रदर्शन के दौरान पथराव में शामिल लोगों की पहचान कर ली है। पुलिस ने कहा कि मामले के साथ-साथ सामान्य उद्देश्यों के साथ गैरकानूनी सभा की जांच कर रही है। नागरिक समाज जिसने इस विरोध का आयोजन किया और आह्वान किया, वह इस आपराधिक कृत्य के लिए जिम्मेदार होगा। बता दें कि हिमाचल प्रदेश के शिमला के संजौली में मस्जिद में अवैध निर्माण को लेकर एक बार फिर से जमकर बवाल देखने को मिला। 11 सितंबर को संजौली में धारा 163 टूट गई और पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प भी हुई। पुलिस को लाठीचार्ज तक करना पड़ा था।