टेस्ट क्रिकेट को पेशेंस का खेल कहा जाता है लेकिन क्या आप यकीन करेंगे कि एक टेस्ट में एबी डिविलियर्स, फाफ डुप्लेसी और हाशिम अमला जैसे दिग्गजों से सजी दक्षिण अफ्रीका टीम ने आखिरी पारी में 143.1 ओवर तक बैटिंग करने के बाद महज 143 रन बनाए थे. इस मैच में उमेश यादव ने 21 ओवर के स्पैल में सिर्फ 9 रन देकर 3 विकेट झटके थे. दिसंबर 2015 में दिल्ली के कोटला मैदान पर हुए टेस्ट ने दक्षिण अफ्रीका की टीम (India vs South Africa) की छवि पर गहरा दाग लगाया था. इस टेस्ट को एक टीम के जबर्दस्त प्रदर्शन और अच्छा खासा रुतबा रखने वाली दूसरी टीम के कमजोर खेल के लिए याद किया जाता है. टेस्ट को बचाने के लिए दक्षिण अफ्रीका ने बेहद धीमी गति से बैटिंग की रणनीति बनाई थी. इसके तहत टीम ने 143.1 ओवर्स में 0.99 के रनरेट से 143 रन बनाए थे. मजे की बात यह है कि विकेट के चारों ओर स्ट्रोक लगाने वाले 360 डिग्री प्लेयर एबी डिविलियर्स ने इस दौरान 297 गेंदें खेलकर सिर्फ 43 और फाफ डुप्लेसी ने 97 गेंदों पर महज 10 रन बनाए थे.हालांकि टीम की यह रणनीति फ्लॉप साबित हुई थी. टीम 143 रन बनाकर आउट हो गई थी और उसे भारत के खिलाफ 337 रनों की करारी हार का सामना करना पड़ा था. इस दौरान टीम इंडिया के के लगभग सारे बॉलर बेहद किफायती रहे थे. बैटिंग में अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) के लिए यह टेस्ट स्पेशल रहा था और उन्होंने दोनों पारियों में शतक जमाए थे. 5वें दिन लंच तक के सेशन में 35 ओवर में बनाए थे सिर्फ 22 रन 3 से 7 दिसंबर 2015 के बीच हुए इस टेस्ट में दक्षिण अफ्रीकी टीम की दूसरी पारी की जरूरत से अधिक डिफेंसिव रणनीति अभी भी रहस्य बनी हुई है. आखिरी दिन के पहले सेशन के दो घंटों में तो मेहमान टीम ने महज 22 रन जोड़े थे, इसमें बैट से बने 19 रन थे. चौथे दिन के दो विकेट पर 72 रन (72 ओवर) से पांचवें दिन लंच तक दक्षिण अफ्रीका का स्कोर 107 ओवर में 3 विकेट पर 94 रन तक ही पहुंच पाया था. यह क्रिकेट इतिहास में लंच तक के 30 या अधिक ओवर के एक सेशन में बने न्यूनतम रन हैं. पहली पारी के रहाणे के बाद अश्विन बने टीम इंडिया का सहारा भारत-दक्षिण अफ्रीका टेस्ट सीरीज के इस चौथे और अंतिम टेस्ट में कप्तान विराट कोहली ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग चुनी थी. पहले बैटिंग करते हुए भारतीय टीम ने 334 रनों का स्कोर बनाया था जिसमें अजिंक्य रहाणे ने सर्वाधिक 127 रन (215 बॉल, 11 चौके व चार छक्के), आर अश्विन ने 56 और कप्तान कोहली ने 44 रनों का योगदान दिया था. एक समय टीम इंडिया के 7 विकेट 198 रन पर गिर गए थे लेकिन रहाणे और अश्विन ने 8वें विकेट के लिए 98 रन जोड़कर स्थिति संभाल ली.अश्विन ने बाद में 9वें विकेट के लिए उमेश यादव के साथ भी 38 रन जोड़े और टीम को 334 तक पहुंचाया था.दक्षिण अफ्रीका के काइले एबोट ने 5 और डेन पिड्ट ने 4 विकेट हासिल किए थे. 49.3 ओवर्स में 121 रनों पर सिमटी थी दक्षिण अफ्रीका जवाब में दक्षिण अफ्रीकी बॉलर्स की मेहनत को बैटर्स ने बेकार कर दिया था. पहली पारी में टीम 121 रन के छोटे स्कोर पर ही सिमट गई और उसने टीम इंडिया पर दबाव बनाने का मौका गंवा दिया था. भारतीय स्पिन जोड़ी-रवींद्र जडेजा (5 विकेट) और अश्विन (2 विकेट) ने आपस में 7 विकेट बांटे. खास बात यह है कि भारतीय बॉलर्स के आगे संघर्ष करते हुए दक्षिण अफ्रीकी टीम 49.3 ओवर्स में ये 121 रन बनाए थे. रहाणे ने दूसरी पारी में भी जमाया था शतक पहली पारी के आधार पर 213 रनों की बड़ी बढ़त हासिल करके टीम इंडिया दूसरे दिन ही ‘ड्राइविंग सीट’ पर पहुंच गई थी. मैच के चौथे दिन दूसरी पारी 5 विकेट पर 267 रन के स्कोर पर घोषित करते हुए टीम इंडिया ने मेहमानों के सामने 481 रन का पहाड़ सा टारगेट रखा. इस स्कोर में अजिंक्य रहाणे ने दूसरी पारी में भी शतक (206 गेंदों पर नाबाद 100, आठ चौके व तीन छक्के) ठोका जबकि कप्तान कोहली ने 88 रन बनाए. रहाणे इस दौरान विजय हजारे, सुनील गावस्कर, राहुल द्रविड़ और विराट कोहली के बाद टेस्ट की दोनों पारियों में शतक जड़ने वाले 5वें भारतीय बैटर बने थे. दूसरी पारी में जरूरत से ज्यादा डिफेंसिव रहा दक्षिण अफ्रीका दक्षिण अफ्रीकी टीम में डिविलियिर्स, डीन एल्गर, अमला, डुप्लेसी और डुमिनी जैसे धाकड़ बैटरों की मौजूदगी के चलते फैंस दूसरी पारी में दक्षिण अफ्रीका से संघर्ष की उम्मीद लगाए थे. टेस्ट में 140 से अधिक ओवर का खेल बाकी था लेकिन अपेक्षा के विपरीत टीम ने जरूरत से ज्यादा डिफेंसिव होकर न केवल टेस्ट में 337 रन की शर्मनाक हार झेली बल्कि अपनी प्रतिष्ठा की खराब कर ली.जरूरत से अधिक डिफेंसिव होकर दक्षिण अफ्रीकी टीम ने भारतीय बॉलर्स को हावी होने का मौका दे दिया. 143.1 ओवर में टीम 143 रन बनाकर आउट हुई. कप्तान अमला ने 289 गेंदों पर 25 रन बनाए. डिविलियर्स ने भी 43 रन बनाने के लिए 297 गेंदें खेली जबकि डुप्लेसी ने 97 गेंदों पर 10 रन बनाए. जानकारों के अनुसार, जरूरत से अधिक डिफेंसिव अप्रोच टीम के लिए भारी पड़ी. बेहद कम आक्रामक शॉट खेलने के कारण बैटर्स के इर्दगिर्द फील्डर का घेरा कसता गया. अश्विन ने 5, उमेश यादव ने 3 और रवींद्र जडेजा ने दो विकेट लेकर दक्षिण अफ्रीकी पारी का 143.1 ओवर में 143 रन पर ही पुलिंदा बांध दिया. बैटरों की अति डिफेंसिव अप्रोच का असर दूसरी पारी में भारत के 4 प्रमुख बॉलर्स के इस विश्लेषण में भी नजर आया. उमेश यादव : 21 -16-9-3 रवींद्र जडेजा : 46-33-26-3 ईशांत शर्मा 20-12-23-0 अश्विन 49.1-26-61-5 कोटला के स्लो विकेट पर दक्षिण अफ्रीकी बैटरों की डिफेंसिव अप्रोच का आलम यह रहा कि दूसरी पारी में भारत के 143 ओवर्स में से 89 मेडन रहे. जडेजा ने सर्वाधिक 33 मेडन ओवर फेंके जबकि अश्विन ने 26 और उमेश यादव ने 16. दक्षिण अफ्रीकी टीम के आखिरी 5 विकेट तो महज 7 रन के अंतर से गिरे थे.