अरुणाचल प्रदेश के अपर सियांग में जिला प्रशासन ने कई सरकारी कर्मचारियों और गांव प्रधान को ‘सियांग अपर मल्टीपर्पज प्रोजेक्ट’ (एसयूएमपी) के खिलाफ प्रदर्शनों में कथित तौर पर शामिल होने तथा बांध विरोधी आंदोलन का समर्थन करने के लिए नोटिस जारी किया है। अपर सियांग के उपायुक्त हेज लैलांग ने इस सप्ताह की शुरुआत में कई सरकारी कर्मचारियों और गांव प्रधान को नोटिस जारी करते हुए उनसे यह बताने के लिए कहा कि उन पर केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1964 के तहत अवज्ञा एवं कदाचार के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों न की जाए। कई बांध विरोधी समूहों ने 31 अगस्त को सियांग जिले के डाइट डाइम में एक प्रदर्शन रैली निकाली थी और नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन (एनएचपीसी) द्वारा शुरू की जाने वाली एक विशाल प्रस्तावित पनबिजली परियोजना के खिलाफ प्रदर्शन किया था। लैलांग ने शनिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘जिला प्रशासन ने कुछ दिन पहले कई सरकारी कर्मचारियों और गांव प्रधान को परियोजना के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए नोटिस जारी किया था।’’ बहरहाल, उन्होंने यह नहीं बताया कि कितने सरकारी कर्मचारियों को नोटिस भेजे गए। लैलांग ने कहा कि यह एक गोपनीय सूचना है। प्रस्तावित बांध को लेकर राज्य सरकार और एनएचपीसी को स्थानीय समुदायों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है, जिन्होंने दावा किया है कि यह बांध स्थानीय आबादी को विस्थापित कर देगा। इसके अलावा, इससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचेगा और स्थानीय आबादी के अधिकारों का घोर उल्लंघन होगा।