देश के विभिन्न हिस्सों से लगातार सरकारी जमीन पर कब्जा कर वहां मस्जिद, मदरसा, चर्च या कब्रिस्तान बनाने के समाचार सामने आ रहे हैं। देखा जाये तो सिर्फ सरकारी जमीन पर कब्जा नहीं किया जा रहा है बल्कि सरकारी जमीन पर अवैध इमारत बना कर वहां से देशविरोधी गतिविधियां संचालित करने का अपराध भी किया जा रहा है। अभी हाल ही में प्रयागराज में अनधिकृत रूप से बने मदरसे जामिया हबीबिया मस्जिदे आजम को सील कर दिया गया क्योंकि वहां जाली नोट छापे जा रहे थे और आरएसएस के खिलाफ नफरत फैलाने का अभियान चलाया जा रहा था। इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश में मस्जिद के अवैध निर्माण के खिलाफ जब स्थानीय लोगों ने आवाज उठाई तब जाकर सरकार जागी।
अब झारखंड से जो खबर आई है वह भी चौंकाने वाली है। हम आपको बता दें कि राज्य में ईडी जिन जमीन घोटालों की जांच कर रही है उनके बारे में बताया जा रहा है कि जमीन की प्रकृति बदलकर गैर बिक्रीयोग्य भूखंडों को बेच दिया गया। बताया जा रहा है कि खाली पड़ी सरकारी जमीन पर कब्जा कर चर्च, कब्रिस्तान, मस्जिद और मदरसा खोलने का खेल तेजी से चलाया जा रहा है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक झारखंड में हजारीबाग, रांची, पाकुड़, साहिबगंज, सिमडेगा समेत विभिन्न जिलों में वन भूमि पर कब्रिस्तान, मजार, चर्च बनाने के मामले सामने आ चुके हैं। राज्य में ऐसी रिपोर्टें भी सामने आ चुकी हैं कि आदिवासी बहुल जिलों का सामाजिक संतुलन साजिशन बिगाड़ा जा रहा है।
सवाल उठता है कि कौन कर रहा है यह सब? सवाल उठता है कि जो लोग ऐसा कर रहे हैं उनकी मंशा क्या है? सवाल उठता है कि सरकारी जमीन पर कब्जा कर उस पर मदरसा, मस्जिद, कब्रिस्तान, चर्च बनाने वालों को सरकारें रोक क्यों नहीं पा रही हैं? इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता और भारत के पीआईएल मैन के रूप में विख्यात अश्विनी उपाध्याय का कहना है कि दरअसल यह भारत पर कब्जा करने की साजिश है।