क्रिकेट के सबसे पुराने फॉर्मेट, टेस्ट में किसी बैटर के सब्र का इम्तिहान होता है. टेस्ट में रेड बॉल इस्तेमाल होती है जो सीमित ओवर में इस्तेमाल होने वाली वाइट बॉल की तुलना में ज्यादा स्विंग करती है. इसके अलावा इस फॉर्मेट में विकेट भी वनडे/टी20 की तुलना में बॉलर फ्रेंडली होते हैं, ऐसे में बैटर को स्विंग/स्पिन के साथ तालमेल बैठाने के अलावा बॉल के पुराने होने और बॉलर (खासकर तेज गेंदबाज) के थकने का इंतजार करना पड़ता है. कई बैटर इस फॉर्मेट में लंबी पारियां खेल चुके हैं. इसमें सबसे प्रमुख नाम वेस्टइंडीज के ब्रायन लारा (Brian Lara) का है जिन्होंने टेस्ट में 375 व नाबाद 400 रन के अलावा फर्स्ट क्लास क्रिकेट में नाबाद 501 रन की मैराथन पारी खेलकर चौंकाया था.
लारा जब विकेट पर सेट हो जाते थे तो उन्हें आउट करने में विपक्षी बॉलर्स को एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ता था. उनके अलावा ब्रेडमैन, राहुल द्रविड़, हनीफ मोहम्मद, महेला जयवर्धने, कुमार संगकारा और हाशिम अमला भी विकेट पर लंगर डालकर बड़ी पारी खेलने के लिए मशहूर रहे हैं लेकिन मजे की बात यह है कि इन बैटर में से किसी के भी नाम टेस्ट क्रिकेट के लगातार मैचों में आउट हुए बिना सर्वाधिक रन बनाने का रिकॉर्ड नहीं है. यह रिकॉर्ड ऐसे बैटर ने बनाया है जो 11 साल के इंटरनेशनल करियर के दौरान केवल 58 मैच (20 टेस्ट, 31 वनडे और 7 टी20I) खेल सका. इसके टेस्ट करियर का आगाज 35 वर्ष की उम्र में हुआ था और कई क्रिकेटप्रेमी तो उसके नाम से भी अच्छी तरह वाकिफ नहीं होंगे. ऑस्ट्रेलिया के एडम वोग्स के नाम पर यह रिकॉर्ड है वे 2015-16 में 614 रन बनाने के बाद आउट हुए थे, इसमें नाबाद 269, नाबाद 106 और 239 रनों के स्कोर शामिल थे.
ऑस्ट्रेलियाई सिलेक्टर्स की उपेक्षा का सामना किया
वोग्स ऐसे बदकिस्मत बैटर रहे जिनकी प्रतिभा को ऑस्ट्रेलियाई सिलेक्टर पहचान नहीं सके. उन्हें वनडे/टी20 में 28 और टेस्ट में 35 वर्ष की उम्र में डेब्यू का मौका मिल पाया. यह सही है कि उनके दौर की ऑस्ट्रेलियाई टीम में मैथ्यू हेडन, रिकी पोंटिंग, माइकल क्लार्क, जस्टिन लैंगर और डेविड वॉर्नर जैसे दिग्गजों की भरमार थी लेकिन वोग्स निश्चित ही टीम में स्थान के हकदार थे. ODI के सीमित मौकों में प्रतिभा को साबित करने के बावजूद उन्हें टेस्ट टीम में एंट्री के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा. क्रिकेट के तीनों ही फॉर्मेट में वोग्स के आंकड़े जबर्दस्त हैं. टेस्ट क्रिकेट में तो रन औसत के मामले में वे डॉन ब्रेडमैन (औसत 99.94) के बाद दुनिया के दूसरे नंबर के बैटर हैं. 20 टेस्ट में उन्होंने 61.87 के जबर्दस्त औसत से 1485 रन बनाए जिसमें पांच शतक (दो दोहरे शतक) हैं. 31 वनडे में 45.78 के औसत और 87.17 के स्ट्राइक रेट से 870 रन (एक शतक) और 7 टी20I में 46.33 के औसत और 121.92 के स्ट्राइक रेट से 139 रन वोग्स ने बनाए. यदि दाएं हाथ के इस बैटर का इंटरनेशनल करियर और लंबा चलता तो यह रिकॉर्ड और भी जबर्दस्त होते
वोग्स ने टेस्ट में आउट हुए बगैर बनाए थे 614 रन
टेस्ट की लगातार पारियों में आउट हुए बिना सर्वाधिक रन बनाने का रिकॉर्ड वोग्स के नाम पर है. 2015 में वेस्टइंडीज के खिलाफ होबार्ट टेस्ट में उन्होंने नाबाद 269 और इसके तुरंत बाद मेलबर्न टेस्ट में नाबाद 106 रनों की पारी खेली. इन दोनों टेस्ट की दूसरी पारी और इसके बाद के सिडनी टेस्ट में वोग्स को बैटिंग का मौका नहीं मिला. इसके बाद वे 12 फरवरी 2016 को न्यूजीलैंड के खिलाफ वेलिंगटन में टेस्ट खेले और 239 रन बनाकर आउट हुए. इस तरह 614 रन बनाने के बाद विपक्षी बॉलर को उन्हें आउट करने का मौका मिल पाया था.
497 रनों के साथ नंबर 2 पर ‘मास्टर ब्लास्टर’
वोग्स के अलावा टेस्ट क्रिकेट में कोई दूसरा बैटर आउट हुए बिना 500 रन भी नहीं बना पाया है. भारत के सचिन तेंदुलकर (497 रन) दूसरे स्थान पर हैं जो 2004 में लगातार दो टेस्ट में नाबाद रहने के बाद (241*, 60*, 194* और 2 रन) आउट हुए थे. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2 जनवरी 2004 से शुरू हुए सीरीज के चौथे यानी आखिरी टेस्ट में सचिन ने पहली पारी में नाबाद 241 और दूसरी पारी में नाबाद 60 रन बनाए थे. यह सीरीज खत्म होने के बाद उन्होंने अगला टेस्ट पाकिस्तान के खिलाफ (28 मार्च से 1 अप्रैल 2004) मुल्तान में खेला और नाबाद 194 रन बनाए. लाहौर में सीरीज के दूसरे टेस्ट में 2 रन के स्कोर पर आउट होने के साथ ही सचिन का नाबाद रहने का क्रम टूटा था.
लगातार 490 रन बनाने के बाद आउट हुए थे सोबर्स
वेस्टइंडीज के गारफील्ड उर्फ गैरी सोबर्स (Garry Sobers) इस मामले में तीसरे स्थान (490 रन) पर हैं. वे 1958 में पाकिस्तान के खिलाफ किंग्स्टन में हुए तीसरे टेस्ट की पहली पारी में नाबाद 365 रन (दूसरी पारी में बैटिंग का मौका नहीं मिला) बनाने के बाद जॉर्जटाउन के चौथे टेस्ट में 125 रन बनाकर आउट हुए थे.
489 रनों के साथ क्लार्क चौथे स्थान पर
ऑस्ट्रेलिया के माइकल क्लार्क (Michael Clarke) सूची में चौथे स्थान (489 रन) पर हैं. मिडिल ऑर्डर के बैटर क्लार्क नवंबर 2012 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुरू हुए ब्रिस्बेन के पहले टेस्ट में नाबाद 259 रन बनाने के बाद इसी माह एडिलेड के दूसरे टेस्ट में 230 रन बनाकर आउट हुए थे.
कुमार संगकारा ने लगातार मैचों में 479 रन बनाए थे
श्रीलंका के विकेटकीपर बैटर कुमार संगकारा (Kumar Sangakkara) इस सूची में पांचवें स्थान (479 रन) पर हैं.बाएं हाथ के बैटर संगकारा ने जुलाई 2007 में बांग्लादेश के खिलाफ कोलंबो के पहले टेस्ट में नाबाद 200 और कैंडी के दूसरे टेस्ट में नाबाद 222 रन की पारी खेली थी. श्रीलंका ने इसके बाद अगली टेस्ट सीरीज ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली. 16 नवंबर से होबार्ट में शुरू हुए सीरीज के पहले टेस्ट में वे 57 रन बनाकर आउट हुए थे.