बड़ी पुरानी कहावत है कि ‘घर का भेदी लंका ढाए’. कायदे से ये कहावत लंकापति रावण के भाई विभीषण के लिए कही जाती है क्योंकि वह रामादल में शामिल हो गए थे और रावण को कैसे खत्म किया जाए इसके लिए उन्होंने ही श्रीराम की मदद की थी. लेकिन वह सतयुग था, तब ऐसा रावण को हराने के लिए और लोगों को उसके आतंक से मुक्त करवाने के लिए किया गया था, लेकिन आज दौर बदल चुका है. ये कलयुग है और आज के भेदी किसी राक्षस का अंत करने के लिए नहीं बल्कि अपनी जेबें भरने के लिए अक्सर अपराधियों का साथ देते हैं. ताजा मामला यूपी के कानपुर से सामने आया.
आज तक देखा गया है की अपराधी पुलिस को गुमराह करने की कोशिश करते हैं. कई बार मुखबिर भी पुलिस को गुमराह करके अपराधियों को बचाने का काम करते हैं लेकिन कानपुर के एक दरोगा ने विभीषण बनते हुए अपनी ही पुलिस टीम को गुमराह कर दिया और इस वजह से आरोपी भागने में सफल हो गए.
चर्चित जुआरी को पुलिस ने किया था गिरफ्तार
कानपुर पुलिस ने पिछले दिनों चर्चित जुआरी और सट्टेबाज मासूम अली को गिरफ्तार कर लिया था. इस दौरान मासूम के कुछ साथी अंधेरे का फायदा उठा कर मौके से फरार हो गए थे. शनिवार को पुलिस को सूचना मिली की मासूम अली का एक फरार साथी तलहा, अशोक नगर में छिपा हुआ है. यह पता चलते ही पुलिस की एक टीम तलहा की गिरफ्तारी के लिए रवाना हो गई.
चौकी प्रभारी ने अपनी ही टीम को किया गुमराह
आरोपी के ठिकाने से कुछ दूर पहले दबिश टीम के एक दरोगा के पास जे.के मंदिर चौकी प्रभारी राजन मौर्य का फोन आया. राजन मौर्य ने दबिश टीम को बोला की पुलिस आयुक्त थाने पहुंच रहे हैं. इसकी वजह से दबिश टीम को कुछ देरी हो गई और उसका फायदा उठाकर आरोपी मौके से फरार हो गया. जब इस मामले की शिकायत हुई तो एडीसीपी महेश कुमार ने जांच शुरू की. एडिशनल पुलिस आयुक्त हरीश चंदर ने बताया की शुरूआती जांच के बाद राजन मौर्य को दोषी पाया गया है, इसलिए उनको निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही राजन मौर्य पर विभागीय जांच भी की जाएगी.