रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान अयोध्या नगरी में लगाई गईं बंबू लाइट और गोबो प्रोजेक्टर लाइट चोरी मामले में नया मोड़ आ गया है. जिस संस्था ने इन फैंसी लाइट लगाने का दावा और उन्हें चोरी हो जाने की शिकायत पुलिस से की गई थी उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. साथ ही संस्था के प्रतिनिधि को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. इस मामले में बीते दिनों अयोध्या जिला प्रशासन की छवि धूमिल हुई थी. राम नगरी में चोरी की बड़ी वारदात से हड़कंप मच गया था. जांच के बाद पता चला कि जिन लाइटों की चोरी किए जाने मामला दर्ज कराया गया था. दरअसल, वो फैंसी लाइटें लगाई ही नहीं गईं थी.
अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन हुआ था. कार्यक्रम को सुंदर बनाने के लिए रामनगरी को आकर्षक रूप से सजाया गया था. अयोध्या विकास प्राधिकरण ने ठेके के तहत फर्म यश एंटरप्राइजेज और कृष्णा ऑटोमोबाइल्स द्वारा राम पथ और भक्ति पथ पर फैंसी लाइट लगवाई गईं थी. इनमें राम पथ के पेड़ों पर 6400 बैम्बू लाइट और भक्ति पथ पर 96 गोबो प्रोजेक्टर लाइट लगवाई गईं थी. कार्रदाई संस्था यश एंटरप्राइजेज के द्वारा दावा किया गया था कि अयोध्या में 6800 लाइट लगाई गई थीं.
9 मई को कंपनी ने कराई थी FIR
यश एंटरप्राइजेज के प्रतिनिधि शेखर शर्मा ने 9 अगस्त को अयोध्या थाने में मुकदमा दर्ज कराकर बताया था कि 19 मार्च को उनकी संस्था ने संभी लाइटें लगा दी गईं थीं. जब 9 मई को जांच की गई तो 3800 बंबू लाइट तथा 36 गोबो प्रोजेक्टर लाइट गायब थीं. 9 अगस्त को फर्म द्वारा राम जन्मभूमि थाने में चोरी का मामला दर्ज कराया गया. अयोध्या विकास प्राधिकरण के मुताबिक, यश एंटरप्राइजेज ने 2600 लाइटों को लगाकर भुगतान प्राप्त कर लिया था.
अब कंपनी पर हुई FIR
3800 बंबू लाइटों को बिल भी भुगतान के लिए लगाया गया था लेकिन यह सत्यापन में लगा हुआ नहीं पाया गया. आरोप है कि फर्म के द्वारा भुगतान प्राप्त करने के लिए फर्जी दस्तावेज लगाए गए थे और बचने के लिए झूठी एफआईआर कराई गई थी. अयोध्या विकास प्राधिकरण की शिकायत पर अयोध्या पुलिस ने यश एंटरप्राइजेज पर मुकदमा दर्ज किया. वहीं फर्म के प्रतिनिधि हरियाणा निवासी शेखर शर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. जांच में पाया गया कि जिन बंबू और गोबो प्रोजेक्टर लाइटों को चोरी किए जाने का दावा किया जा रहा था वो लगी ही नहीं थी