मायावती मंगलवार को एक बार फिर से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनी गईं। यह घटनाक्रम उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री के इस दावे के एक दिन बाद आया है कि वह सक्रिय राजनीति से संन्यास नहीं लेने जा रही हैं। उन्होंने कहा था कि मैं सक्रिय राजनीति से संन्यास नहीं ले रही हूं और जातिवादी मीडिया मेरे खिलाफ ऐसी फर्जी खबरें फैला रहा है। 68 वर्षीय बसपा अध्यक्ष उत्तर प्रदेश के चार बार पूर्व मुख्यमंत्री हैं।
बसपा ने अपने बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की कार्यकारिणी की मंगलवार को लखनऊ में आयोजित बैठक में एक बार फिर सर्वसम्मति से बसपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। बसपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की 27 अगस्त को लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय में होने वाली बैठक को लेकर मीडिया में यह अटकलें लगायी जा रहीं थी कि मायावती अपने भतीजे आकाश आनन्द का कद बढ़ा सकती हैं। इसके अलावा उनके संन्यास लेने की भी अटकलें थीं।
बसपा प्रमुख ने सोमवार को एक्स पर अपने आधिकारिक खाते पर कहा बहुजनों के अम्बेडकरवादी कारवां को कमजोर करने की विरोधियों की साजिशों को विफल करने और बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं कांशीराम जी की तरह ही मेरी जिन्दगी की आखिरी सांस तक बसपा के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान आंदोलन को समर्पित रहने का फैसला अटल है। उन्होंने अगली पोस्ट में कहा अर्थात सक्रिय राजनीति से मेरा संन्यास लेने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है। जबसे पार्टी ने आकाश आनन्द को मेरे ना रहने पर या अस्वस्थता की स्थिति में बसपा के उत्तराधिकारी के रूप में आगे किया है तबसे जातिवादी मीडिया ऐसी फर्जी खबर प्रचारित कर रहा है जिससे लोग सावधान रहें।
मायावती ने यह भी कहा पहले भी मुझे राष्ट्रपति बनाए जाने की अफवाह उड़ाई गयी, जबकि कांशीराम जी ने ऐसी ही पेशकश को यह कहकर ठुकरा दिया था कि राष्ट्रपति बनने का मतलब है सक्रिय राजनीति से सन्यास लेना जो पार्टी हित में उन्हें गवारा नहीं था