बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत इन दिनों फिर से चर्चा में बनी हुई है। कंगना रनौत ने हाल ही में कहा कि अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं रहता तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब भी बांग्लादेश बन जाता। किसान आंदोलन पर सवाल करते हुए कंगना ने कहा कि आंदोलन के नाम पर उपद्रवियों ने हिंसा फैलाई। प्रदर्शन स्थलों पर रेप और हत्याएं की गई। इस बयान के बाद से ही लगातार विवाद उठ रहा है। विपक्ष इसे लेकर लागातार हमलावार बना हुआ है।
कंगना रनौत पर एनएसए लगाने की मांग भी कांग्रेस ने की है। वहीं बीजेपी ने कहा है कि कंगना रनौत का ये बयान उनका निजी बयान है और इससे पार्टी का कोई सरोकार नहीं है। बता दें कि मीडिया चैनल को दिए एक इंटरव्यू में कंगना ने कहा था कि हमारा शीर्ष नेतृत्व अगर मजबूत ना होता तो भारत बांग्लादेश जैसे हालातों से गुजरता। किसान आंदोलन के दौरान जो भी हुआ सभी ने देखा। हिंसा फैलाई गई और रेप भी हुए। कृषि कानूनों को सही ठहराते हुए कंगना ने कहा कि बिल वापस होने पर उपद्रवी डर गए क्योंकि उनकी प्लानिंग लंबी थी।
कांग्रेस ने उठाए थे सवाल
कई विपक्षी दलों ने कंगना रनौत के बयान पर सवाल उठाए थे। कांग्रेस ने निशाना साधते हुए कंगना के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। इसके साथ ही कंगना के खिलाफ एनएसए लगाने की मांग भी की गई है। कंगना पर किसानों और पंजाब को बदनाम करने का आरोप भी लगाया गया है।