नांदेड़ महाराष्ट्र का महत्वपूर्ण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। जहां भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के बसंत राव बलवंत राव चौहान ने हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी दक्कन का पठार में गोदावरी नदी के तट पर बसा नांदेड़ महाराष्ट्र का प्रमुख शहर है। नंदा तट के कारण इस शहर का नाम नांदेड़ पड़ा। सातवीं शताब्दी ईसा पूर्व में नंदा तट मगध साम्राज्य की सीमा थी। प्राचीन काल में यहां सातवाहन, चालुक्यों, राष्ट्रकूटों और देवगिरी के यादवों का शासन था। मध्यकाल में बहमनी, निजामशाही, मुगल और मराठों, हैदराबाद के निजामों और अंग्रेजों का अधिकार रहा। यहां का सचखंड गुरुद्वारा पर्यटकों के केन्द्र में रहता है। राज्य सरकार ने इसे पवित्र शहर घोषित कर रखा है।
यह लोकसभा क्षेत्र पूरी तरह से नांदेड़ जिले के अंतर्गत ही आता है। यह सीट भोकर, नांदेड़ उत्तरी, नांदेड दक्षिण, नायगांव, देगलुर और मुखेड़ विधानसभा क्षेत्र से मिलकर बना है। जहां 2019 के विधानसभा चुनाव में तीन सीट कांग्रेस ने जीती थी। तो वहीं, दो सीट पर भारतीय जनता पार्टी और एक सीट शिवसेना के खाते में गई थी। इस लोकसभा क्षेत्र की भोकर विधानसभा सीट कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण की वजह से भी पूरे राज्य में जानी जाती है। चव्हाण इस क्षेत्र से 2009 में विधायक चुनकर विधानसभा में पहुंचे थे। इसके बाद उनकी पत्नी अमिता चव्हाण भी विधानसभा पहुंच चुकी हैं। 2019 के चुनाव में उन्होंने दोबारा जीत दर्ज की थी, लेकिन लोकसभा चुनाव के कुछ समय पहले वह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। जिसके बाद से यह सीट खाली है।
2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आयी नांदेड़ उत्तरी विधानसभा सीट वर्तमान में शिवसेना के पास है। जहां से उसके नेता बालाजी कल्याणकर विधायक हैं। विधायक कल्याणकर के पहले कांग्रेस के डीपी सावंत लगातार दो बार यहां से विधायक चुने जा चुके हैं। हमेशा से कांग्रेस और शिवसेना के पास ही रही नांदेड दक्षिण विधानसभा सीट भी महाराष्ट्र की एक प्रमुख सीट है। जहां 2019 के चुनाव में कांग्रेस के मोहनराव मारोतराव हंबार्डे ने जीत हासिल की थी। उनके पहले इस क्षेत्र का शिवसेना के हेमंत श्रीराम पाटिल ने भी प्रतिनिधित्व किया है। महाराष्ट्र विधानसभा में 89 नंबर सीट से जाना जानेवाला नायगांव विधानसभा क्षेत्र नांदेड़ जिले के अंतर्गत ही आता है। यह क्षेत्र भी 2009 के बाद ही विधानसभा क्षेत्र घोषित किया गया था। जहां 2019 के चुनाव में बीजेपी के राजेश संभाजी पवार ने जीत हासिल की थी। उनके पहले कांग्रेस के बसंतराव बलवंतराव चौहान लगातार दो बार विधायक रह चुके हैं।
नांदेड लोकसभा क्षेत्र की एकमात्र आरक्षित सीट देगलुर है, जोकि अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित घोषित की गई है। इस सीट पर हमेशा से ही कांग्रेस मजबूत पार्टी बनी रही है। पिछले चुनाव में पार्टी के जितेश अंतापुरकर ने जीत दर्ज की थी। उनके पहले उन्हीं की पार्टी के रावसाहब अंतापुर कर विधायक थे। जिन्होंने शिवसेना के सुभाष पीराजी सबने को हराकर जीत हासिल की थी। महाराष्ट्र राज्य के गठन के साथ ही अस्तित्व में आया मुखेड विधानसभा क्षेत्र भारतीय जनता पार्टी का एक मजबूत गढ़ बना हुआ है। जहां पार्टी पिछले तीन चुनाव से लगातार जीतती हुई चली आ रही है। यहां से वर्तमान विधायक तुषार राठौड़ हैं। उन्होंने 2015 में हुए उपचुनाव में भी जीत दर्ज की थी। यह सीट कांग्रेस ने अंतिम बार 2009 के विधानसभा चुनाव में जीती थी।