वैसे तो इंसान का वजन मापने की मशीन कई तरह की होती हैं, जो टेक्नोलॉजी, डिजाइन और उनके इस्तेमाल के हिसाब से अलग-अलग होती हैं. इसके लिए मैनुअल (एनालॉग), डिजिटल, स्मार्ट, मेकैनिकल बेलेंस स्केल जैसे ऑप्शन्स उपलब्ध हैं. लेकिन सबसे ज्यादा चलन एनालॉग और डिजिटल वेट मशीन का है. ऐसे में वजन मापने वाली मशीन को चुनते समय, आपको अपनी जरूरतों, बजट और मशीन के उपयोग को ध्यान में रखना चाहिए.
डिजिटल और एनालॉग दोनों मशीनों के काम करने के तरीके और सटीकता में अंतर होता है. आइए जानते हैं कि ये मशीनें कैसे काम करती हैं और कौन सी बेहतर है….
एनालॉग वजन मापने की मशीन
इन मशीनों में स्प्रिंग मैकेनिज्म का उपयोग होता है. जब व्यक्ति मशीन पर खड़ा होता है, तो स्प्रिंग दबती है और मशीन में लगे डायल पर वजन दिखाया जाता है. मशीन का डायल एक मार्क्ड स्केल के साथ जुड़ा होता है और वजन को पढ़ने की सुविधा देता है. इन मशीनों का डिजाइन आसान और टिकाऊ होता है. इन्हें चलाने के लिए बैटरी की जरूरत नहीं होती और ये आमतौर पर सस्ती होती हैं. हालांकि ये मशीनें समय के साथ कम सटीक हो सकती हैं, क्योंकि स्प्रिंग की कंप्रेशन कैपेसिटी कम हो सकती है. समय के साथ स्प्रिंग्स में बदलाव आने से कैलिब्रेशन की जरूरत पड़ सकती है
डिजिटल वजन मापने की मशीन
डिजिटल वजन मापने की मशीनों में स्ट्रेन गेज सेंसर होते हैं. जब आप मशीन पर खड़े होते हैं, तो ये सेंसर आपके वजन के कारण होने वाले प्रेशर को मापते हैं और इसे इलेक्ट्रिकल सिग्नल में बदलते हैं. फिर ये सिग्नल डिजिटल डिस्प्ले में बदल जाता है और आपका वजन दिखाता है. इनकी सटीकता बेहतर होती है और मापे गए वजन को डिस्प्ले पर तुरंत देखा जा सकता है. इनमें कोई मूविंग पार्ट्स नहीं होते और माप सेंसर की मदद से ली जाती है. इन्हें चलाने के लिए बैटरी की जरूरत होती है. ये मैनुअल मशीन के मुकाबले महंगी होती हैं.
डिजिटल और एनालॉग में कौन ज्यादा बेहतर?
सटीकता: डिजिटल वजन मापने की मशीनें अधिक सटीक होती हैं, क्योंकि इनमें सेंसर का इस्तेमाल होता है और स्प्रिंग के फैलने और फटने की गुंजाइश नहीं होती. एनालॉग मशीनें समय के साथ कम सटीक हो सकती हैं, खासकर तब जब उनको सही से मेंटेन न किया जाए.
आसान इस्तेमाल: डिजिटल मशीने को यूज करना आसान होता है, क्योंकि आपको केवल मशीन पर खड़ा होना होता है और आपका वजन तुरंत डिस्प्ले में आ जाता है. इसके लिए किसी मैनुअल कैलिब्रेशन की जरूरत नहीं होती. वहीं एनालॉग मशीनों में वजन नोट करने के लिए डायल को ध्यान से देखना पड़ता है. कभी-कभी सही वजन जानने के लिए आपको कुछ अंदाजा भी लगाना पड़ सकता है.
ज्यादा टिकाऊ कौन? डिजिटल मशीनें लंबे समय तक सटीक रहती हैं, लेकिन इनमें बैटरी की निर्भरता होती है. समय-समय पर बैटरी बदलनी पड़ती है. एनालॉग मशीनें में बैटरी की जरूरत नहीं होती लेकिन सटीकता बनाए रखने के लिए इन्हें कैलिब्रेट करना पड़ सकता है.
कीमत: डिजिटल मशीनें अक्सर एनालॉग मशीनों से थोड़ी महंगी होती हैं. वहीं एनालॉग मशीनें आमतौर पर सस्ती होती हैं और उन लोगों के लिए अच्छी हो सकती हैं जो बजट में कुछ ढूंढ रहे हैं.
यदि आप सटीकता, उपयोग में आसानी और एडवांस टेक्नोलॉजी की तलाश में हैं, तो डिजिटल वजन मापने की मशीन बेहतर विकल्प है. वहीं अगर आप एक आसान, टिकाऊ और कम खर्चीला ऑप्शन चाहते हैं, तो एनालॉग मशीन ठीक हो सकती है, लेकिन यह सटीकता और सुविधा में पीछे रह सकती है. आप अपनी प्राथमिकता और बजट के आधार पर इनमें से किसी भी मशीन को चुन सकते हैं.