हर खेल में कड़ी मेहनत के अलावा मुश्किल वक्त में तकदीर का साथ मिलना भी जरूरी है. क्रिकेट में ऐसे कई उदाहरण हैं जब छोटे स्कोर पर किसी दिग्गज बैटर का कैच छूटा और इसका फायदा उठाकर वह विशाल स्कोर बनाने में कामयाब हो गया. कुछ ऐसे भी मामले हैं जब DRS सिस्टम के क्रिकेट में आने से पहले कोई बैटर आउट होने के बावजूद अंपायर की ‘कृपादृष्टि’ पाकर बचने में सफल रहा और बाद में शतक या दोहरा शतक बनाया. ऐसे मामलों में अंपायर को अहसास नहीं हो पाया कि बैट्समैन आउट है और उसका निर्णय बॉलर की अपील के खिलाफ गया. कुछ क्रिकेटर ऐसे भी हैं जिन्हें अपनी शुरुआती सीरीज में किस्मत का भरपूर साथ मिला और इसका फायदा उठाकर वे भविष्य के बड़े खिलाड़ी बने.
इससे उलट, कुछ ऐसे क्रिकेटर हैं जिन्हें किस्मत का ऐसा साथ नहीं मिला. वीरेंद्र सहवाग के अलावा भारत की ओर से टेस्ट में तिहरा शतक जड़ने वाले दूसरे बैटर, करुण नायर इसका बेहतरीन उदाहरण हैं जो दिसंबर 2016 में यह बड़ा कारनामा करने के तीन टेस्ट बाद ही टीम इंडिया से निकाल बाहर किए गए और अभी भी ‘वापसी’ के इंतजार में हैं. तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा (Ishant Sharma) को भी इस सूची में स्थान दिया जा सकता है. कुछ टेस्ट मैचों में उन्होंने बेहतरीन बॉलिंग की और बैट्समैन को ‘आउट साइड द ऑफ स्टंप’ खूब बीट किया लेकिन दुर्भाग्यवश विकेट नहीं ले सके. 2008 के पर्थ टेस्ट में रिकी पोंटिंग के खिलाफ उनका जबर्दस्त स्पैल हर किसी को याद होगा. इस स्पैल में उनकी लगभग हर गेंद पर पोंटिंग पर आउट होने से बच रहे थे. बाद में ईशांत ने ही इस ऑस्ट्रेलियाई बैटर का विकेट झटका था.
‘लंबू’ के नाम से पॉपुलर ईशांत के साथ एक और दुखद संयोग जुड़ा है. टेस्ट क्रिकेट में तीन मौकों पर अपनी बॉलिंग के दौरान उनसे विपक्षी टीम के नामी बैटर का कैच छूटा और तीनों ही बार इसका फायदा उठाकर ने बैटर ने बेहद बड़ा स्कोर बनाया. यह ‘जीवनदान’ टीम इंडिया और ईशांत को बेहद भारी पड़े थे. ईशांत से ऑस्ट्रेलिया के माइकल क्लार्क, न्यूजीलैंड के ब्रेंडन मैक्कुलम और इंग्लैंड के एलिस्टर कुक के कैच छूटे थे. इसमें से दो बैटरों ने तिहरा शतक बनाया था और एक ने 294 रन. यह इन तीनों बैटर्स का टेस्ट क्रिकेट का सर्वोच्च स्कोर रहा.
नजर डालते हैं इन तीनों टेस्ट से जुड़े इन खास वाकयों पर..
भारत Vs इंग्लैंड, बर्मिंघम टेस्ट 2011
बर्मिंघम टेस्ट में ईशांत के हाथों से एलिस्टर कुक का कैच छूटा था और इंग्लैंड का यह बैटर टेस्ट क्रिकेट का अपना सर्वोच्च स्कोर-294 रन बनाने में सफल रहा था. पहली पारी में भारत के 224 के स्कोर के जवाब में इंग्लैंड ने पहली पारी कुक के 294 और इयोन मोर्गन के 104 रनों की मदद से 7 विकेट पर 710 रन के स्कोर पर घोषित की थी. इंग्लिश पारी की शुरुआत में ही ईशांत से कुक का कैच छूटा था. वैसे इस पूरे मैच में टीम इंडिया की फील्डिंग बेहद खराब रही और कुछ और कैच भी फील्डर्स से ड्रॉप हुए थे. टेस्ट इंग्लैंड ने पारी के अंतर से जीता था
भारत Vs ऑस्ट्रेलिया, सिडनी टेस्ट 2012
वर्ष 2012 के सिडनी टेस्ट में ईशांत से जब अपनी बॉलिंग पर माइकल क्लार्क का कैच छूटा तब ऑस्ट्रेलियाई बैटर 182 के स्कोर पर था. क्लार्क ने डिफेंसिव शॉट खेला था जो सीधा ईशांत के दायीं ओर आया लेकिन बॉलर फॉलोथ्रू पर रिएक्ट करने में थोड़ा लेट हो गया और मौका हाथ से जाता रहा. कैच जब ड्रॉप हुआ तब ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 4 विकेट पर 370 रन था. कप्तान क्लार्क ने बाद में नाबाद 329 रनों की पारी खेली. उनके तिहरे शतक, रिकी पोंटिंग के 134 और माइकल हसी के नाबाद 150 रनों की मदद से ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी 4 विकेट पर 659 रन बनाकर घोषित की थी और मैच पारी के अंतर से जीता था. ऑस्ट्रेलियाई कप्तान क्लार्क को ‘मैन ऑफ द मैच’ घोषित किया गया था.
भारत Vs न्यूजीलैंड, वेलिंगटन टेस्ट 2014
इसी तरह ईशांत के हाथ से वेलिंगटन टेस्ट में न्यूजीलैंड के कप्तान ब्रेंडन मैक्कुलम का कैच छूटा था. एक तरह से यह कैच छूटना, भारत की पकड़ से मैच छूटने की तरह था. 2014 के इस टेस्ट में कीवी टीम पहले दिन, पहली पारी में महज 192 रन (ईशांत शर्मा 6/51)पर आउट हो गई थी. इसके जवाब में टीम इंडिया ने430 रन बनाकर 138 रनों की अहम बढ़त ली. दूसरी पारी में भी न्यूजीलैंड के 5 विकेट एक समय 94 रन पर गिर चुके थे और भारत की जीत औपचारिकता नजर आ रही थी. विकेटकीपर बैटर मैक्कुलम और बीजे वाटलिंग क्रीज पर थे. मैक्कुलम जब 36 के निजी स्कोर पर थे तब उनका कैच लपकने से ईशांत चूक गए. पारी के 55वें और ईशांत के 15वें ओवर की दूसरी गेंद पर मैक्कुलम स्ट्रोक जल्दी खेल गए और गेंद उछलकर बॉलर के दाएं हाथ की ओर से आई लेकिन वे इसे कैच नहीं कर सके. यह जीवनदान टीम इंडिया को बेहद भारी पड़ा. ईशांत यह कैच पकड़ लेते तो कीवी टीम का स्कोर 6 विकेट पर 130 रन हो जाता. मैक्कुलम का एक और कैच बाद में 293 के स्कोर पर भारतीय विकेटकीपर धोनी से भी छूटा था. लेकिन धोनी खुशकिस्मत रहे कि कुछ गेंद बाद ही जहीर की गेंद पर इस बैटर का कैच लेने में सफल रहे. मैक्कुलम ने मैच में 302 रनों की पारी खेली. उनके तिहरे शतक और बाटलिंग (124) व जेम्स नीशम (137*) के शतक के सहारे कीवी टीम यह टेस्ट ड्रॉ कराने में सफल हो गई थी.