कोलकाता डॉक्टर केस में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की तरफ से ममता सरकार से तीखे सवाल किए गए हैं। ऐसे में ये सवाल ममता बनर्जी को चुभेंगे तो जरूर ही। एफआईआर दर्ज करने की बात हो या फिर पहले हत्या की एफआईआर न दर्ज करने की बात हो। इसके साथ ही पीड़िता की पहचान उजागर करने का मामला हो। डॉक्टरों की सुरक्षा अस्पताल में कैसे सुनिश्चित हो इसको लेकर सीजेआई की तरफ से कई तल्ख टिप्पणियां की गई। कहा गया कि डॉक्टर्स की सुरक्षा बिल्कुल भगवान भरोसे ही रहती है। सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता मामले पर सुनवाई के दौरान कहा कि ज्यादातर युवा चिकित्सक 36 घंटे काम करते हैं, हमें काम करने की सुरक्षित स्थितियां सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय प्रोटोकॉल बनाने की जरूरत है।
प्रिंसिपल ने इसे आत्महत्या बताने की कोशिश की
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसने स्वत: संज्ञान लिया है क्योंकि यह मामला देशभर में चिकित्सकों की सुरक्षा से जुड़े व्यवस्थागत मुद्दे को उठाता है। कोर्ट ने कहा कि वह मीडिया में मृतका का नाम प्रकाशित होने से बहुत चिंतित है। अगर महिलाएं काम पर नहीं जा पा रही हैं और काम करने की स्थितियां सुरक्षित नहीं हैं तो हम उन्हें समानता से वंचित कर रहे हैं। कोलकाता में चिकित्सक से दुष्कर्म-हत्या की घटना पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि अपराध का पता सुबह-सुबह ही चल गया था लेकिन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने इसे आत्महत्या बताने की कोशिश की।
क्राइम सीन पर भीड़ को घुसने देना यानी सुबूत डैमेज
कोलकाता पुलिस को फटकार लगाते हुए पूछा कि हजारों लोगों की भीड़ आरजी कर मेडिकल कॉलेज में कैसे घुसी। सीजेआई ने पूछा कि जब आरजी कर मेडिकल कालेज एवं अस्पताल के प्राचार्य का आचरण जांच के घेरे में है तो उन्हें कैसे तुरंत किसी दूसरे कॉलेज में नियुक्त कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने दुष्कर्म-हत्या मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में देरी को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगायी और पूछा कि अस्पताल के प्राधिकारी क्या कर रहे थे। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि पश्चिम बंगाल को चीजों को नकारने की स्थिति में न रहने दें, राज्य में कानून एवं व्यवस्था पूरी तरह से विफल हो गयी है। सात हजार लोगों की भीड़ कोलकाता पुलिस की जानकारी के बिना आर जी कर अस्पताल में नहीं घुस सकती।
22 अगस्त तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार को प्रदर्शनकारियों पर बल का प्रयोग नहीं करना चाहिए। चिकित्सकों के लिए सुरक्षा, सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय प्रोटोकॉल बनाने के वास्ते 10 सदस्यीय कार्य बल गठित किया। सीबीआई को कोलकाता में चिकित्सक के बलात्कार-हत्या मामले में जांच पर 22 अगस्त तक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को आरजी कर अस्पताल पर भीड़ के हमले की जांच की प्रगति पर 22 अगस्त तक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।