प्रयागराज: 75 दिन-75 देश और 25 करोड़ लोग, महाकुंभ में क्या-क्या होंगी सुविधाएं?

प्रयागराज: 75 दिन-75 देश और 25 करोड़ लोग, महाकुंभ में क्या-क्या होंगी सुविधाएं?

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 12 साल बाद एक बार फिर महाकुंभ होगा. 75 दिनों तक चलने वाले आस्था, आध्यात्म व संस्कृति के इस संगम को शानदार तरीके से संपन्न करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरी ताकत झोंक रखी है. भारत की पुरानी परंपराओं को दिखाने, बताने और देशी विदेशी लोगों को इसका एहसास कराने के लिए मेगा शोकेस के तौर पर यहां संस्कृति ग्राम बसाया जा रहा है.

5 एकड़ में बसने वाले इस संस्कृति ग्राम में 45 दिनों तक विभिन्न आयोजन होंगे. इसमें सनातन परंपरा को देखने और समझने का मौका मिलेगा. इसे देखने के लिए इस बार 75 देशों से करीब 25 करोड़ लोगों के पहुंचने का अनुमान है. उत्तर प्रदेश सरकार में पर्यटन विभाग की योजना के मुताबिक संस्कृति ग्राम में ऑग्मेंटेड रियलिटी (एआर) व वर्चुअल रियलिटी (वीआर) की सुविधा होगी. इससे महाकुंभ में आयोजित होने वाले विभिन्न सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति होगी.

30 भव्य गेट बनेंगे

इस मेला क्षेत्र के बाहरी ओर 30 भव्य गेट बनेंगे. यह सभी गेट त्रिशूल, स्वास्तिक, कल्पवृक्ष, डमरू समेत विभिन्न आध्यात्मिक संकल्पनाओं पर आधारित होंगे. महाकुंभ में पहली बार कन्नौज के राजा रहे हर्षवर्धन और आर्युवेद का गूढ़ ज्ञान प्रदान करने वाली चरक संहिता को भी दिखाया जाएगा. कथा आती है कि राजा हर्ष वर्धन ने कुंभ मेले में अपनी सारी संपत्ति दान कर दी थी. यहां लगने वाली प्रदर्शनी में वेद, पुराण और चरक संहिता व प्राचीन ज्योतिष शास्त्र भी दिखाए जाएंगे.

ये होंगे महाकुंभ के 30 गेट के नाम

उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के योजना के मुताबिक मेला क्षेत्र में जिन 30 भव्य द्वारों का निर्माण किया जाएगा, उनके नाम पहले ही तय हो चुके हैं. इसमें महाकुंभ लोगो द्वार, त्रिशूल द्वार, स्वास्तिक द्वार, डमरू द्वार, शंख द्वार, महाकुंभ 2025 द्वार, सूर्य द्वार, देव दल द्वार, कमल द्वार, गदा द्वार, धनुष द्वार, गंगा द्वार, कौस्तुभ द्वार, कामधेनु द्वार, लक्ष्मी द्वार, ओम द्वार, नंदी द्वार, संगम द्वार, नाग वासुकी द्वार, शिवलिंग द्वार, चंद्र द्वार, कलश द्वार, सुदर्शन चक्र द्वार, 14 रत्न कथा द्वार, ऐरावत द्वार, कच्छप द्वार, कल्पवृक्ष द्वार, समुद्र मंथन द्वार, रुद्राक्ष द्वार व अश्व द्वार आदि हैं. पर्यटन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इन सभी गेट पर सेल्फी प्वॉइंट के अलावा लैंप पोस्ट व पोर्टेबल टूरिस्ट इंफॉर्मेशन सेंटर भी बनाया जाएगा.

ये होंगी सुविधा

पूरे मेला क्षेत्र की निगरानी ड्रोन कैमरे से होगी. यह ड्रोन कैमरे एआई से कनेक्टेड होंगे. इस मद में उत्तर प्रदेश सरकार करीब 400 करोड़ रुपये खर्च करेगी.

पूरा मेला क्षेत्र 5 एकड़ में होगा. यह पूरा क्षेत्र एआर और वीआर का हब होगा. इससे महाकुंभ का पौराणिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक महत्व दिखाया जाएगा.

मौनी अमावस्या पर करीब 6 करोड़ लोग आएंगे. उनके लिए 2025 महाकुंभ स्पेशल ट्रेन, 10 हजार बसें चलाई जाएंगी.

4 हजार एक्टेयर में मेला क्षेत्र बसेगा. साल 2019 में अर्द्धकुंभ 3200 हेक्टेयर में बसाया गया था.

मेला क्षेत्र में 1.45 लाख शौचालय बनाए जा रहे हैं. वहीं साफ सफाई के लिए 10 हजार सफाईकर्मियों की तैनाती होगी.

मेला क्षेत्र में किसी भी आकस्मिक सेवा के लिए फायर ब्रिगेड, पुलिस तो होगी, ही एक भव्य अस्पताल भी बनेगा. इसमें 407 डॉक्टर, 746 पैरा मेडिकल स्टॉफ तैनात रहेगा.

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