उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले का रहने वाला अब्बास किसी फिल्मी कहानी की तरह मिस्ट्री बन गया है. अब्बास को लापता हुए एक साल से अधिक का समय हो गया है. वो जिंदा है या मारा गया, इसका पता अब तक नहीं चल पाया है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अब इस मामले की जांच सीबीआई के हाथों में सौप दी है. साथ ही एजेंसी को 30 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा है. हालांकि पुलिस का दावा है कि अब्बास की हत्या की गई है.
दरअसल, अली अब्बास पर आरोप है कि उसने अपने दोस्त सैफी के साथ मिलकर 27 अप्रैल, 2023 को 17 वर्षीय लड़की को अगवा किया था. वहीं अब्बास के पिता ने 15 मई, 2023 को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को एक याचिका दायर की, जिसमें आरोप लगाया कि अब्बास और लड़की की हत्या दिलीप यादव, आकाश यादव और अन्य ने की है.
पिता ने लगाया आरोप
अब्बास के पिता ने एसपी के पास एक और याचिका दायर की. उस याचिका में दावा किया गया कि उनके बेटे और लड़की का अपहरण कर लिया गया है. आरोपियों ने उन्हें अज्ञात स्थान पर रखा है. पिछले साल 11 अगस्त को पुलिस ने लड़की को ढूढ़ निकाला. उसके बाद सीआरपीसी की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने उसका बयान दर्ज कराया गया. साथ ही अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि अब्बास की हत्या की गई है और आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराएं जोड़ीं गई.
पुलिस ने यह भी दावा किया कि अब्बास की हत्या की गई है. इसके लिए उसने एक आरोपी गुड्डू से अब्बास के खून से सने कपड़े बरामद किए हैं. गुड्डू के वकील ने हाई कोर्ट को बताया कि अब्बास जिंदा है. वह दुबई में अपने चाचा के साथ रह रहा है. पुलिस ने शव बरामद किए बिना ही हत्या का आरोप लगा दिया.
कोर्ट ने बताया गंभीर मामला
अधिकारियों ने बताया कि कोर्ट ने इसे गंभीर मामला बताया है. कोर्ट ने यह भी कहा कि यह एक ऐसा मामला है जिसमें मुख्य आरोपी अली अब्बास, जो एक छोटा लड़का है, काफी समय से लापता है. तथाकथित मृतक के बिना शव बरामद किए, बिना विश्वसनीय सबूत जुटाए आईपीसी की धारा 302 के तहत आरोप दाखिल कर दिया.
सीबीआई ने नाबालिग के कथित अपहरण से संबंधित कौशाम्बी पुलिस केस को फिर से दर्ज किया है. जिसमें अब्बास मुख्य आरोपी था. सीबीआई मामले की जांच कर रही है. एजेंसी की अंतिम रिपोर्ट 30 अगस्त तक एक विशेष अदालत के सामने प्रस्तुत की जानी है.