उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में लगभग चार साल पूर्व एक तीन वर्ष की बालिका के साथ दुष्कर्म के जघन्य अपराध के आरोपी को अपर जिला जज पॉक्सो कोर्ट ने मृत्युदंड और एक लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है।करीब चार साल चले इस मुकदमे में अभियोजन पक्ष की दलील और साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने पूरे मामले को जघन्य अपराध का मामला मानते हुए मृत्यु दंड की सजा सुनाई है। अदालत ने आरोपी पर एक लाख रुपए जुर्माना भी किया है। आरोपी बालिका सगा ताऊ है जिसने इस अपराध को कारित किया था। दुष्कर्म की वारदात के बाद से आज भी बालिका की हालत ख़राब है और उसका दिल्ली में उपचार चल रहा है।
हरदोई के पॉक्सो कोर्ट के अपर जिला जज मोहम्मद नसीम की अदालत ने 35 वर्ष के आरोपी ईश्वर पाल उर्फ़ इशू को आज अदालत ने मृत्युदंड और एक लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। दरअसल 28 जुलाई 2020 में सांडी थाने में आरोपी पर उसकी भतीजी के साथ दुष्कर्म का मामला दर्ज़ किया गया था। आरोपी अपनी भतीजी को घुमाने की बात कहकर घर से ले गया था और दुष्कर्म करने के बाद घर में छोड़ गया। मासूम बालिका को खून से लथपथ देखकर घर वालो को जानकारी हुई तब तक आरोपी फरार हो चूका था। घटना वाले दिन आरोपी के खिलाफ मामला किया गया और पुलिस ने उसे एक मुठभेड़ के बाद गिफ्तार किया था। जबकि मासूम बालिका को गंभीर हालत में हरदोई के बाद उपचार के लिए लखनऊ भेजा गया जहां से उसे दिल्ली उपचार के लिए भेजा गया आज भी बालिका का उपचार चल रहा है।
अभियोजन पक्ष से सरकारी अधिवक्ता मनीष श्रीवास्तव ने इस मामले में करीब चार साल चली कानूनी लड़ाई में आठ गवाहों के बयान और ठोस साक्ष्य अदालत में प्रस्तुत किए।इनमे मासूम बालिका की गवाही सबसे महत्वपूर्ण रही। हालांकि आरोपी पक्ष के वकील रामेन्द्र सिंह तोमर ने भी आरोपी के पक्ष में तमाम दलीलें दी लेकिन अभियोजन पक्ष की ठोस पैरवी और साक्ष्यों के आधार पर आज अदालत में न्यायाधीश ने मासूम बालिका के साथ दुष्कर्म के आरोपी ईश्वर पाल को मृत्यु दंड और एक जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत ने अपने आदेश में आरोपी के अपराध को रेयरेस्ट ऑफ रेयर बताते हुए उसको तब तक फांसी के फंदे पर लटकाने का हुक्म दिया है जब तक उसकी मौत न हो जाए।