लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के एक नेता की हत्या के मामले में दोषी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक उदयभान करवरिया को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा क्षमा और जेल से रिहा किये जाने पर अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए बुधवार को कहा कि राज्य सरकार पर अपराध के खिलाफ अपनी‘जीरो टॉलरेंस’ तथाकथित नीति को साबित करने का मौका है। प्रयागराज में 13 अगस्त, 1996 को सपा के पूर्व विधायक जवाहर यादव की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
इस मामले में उदयभान करवरिया, उनके भाई कपिलमुनि करवरिया, भाई सूरजभान करवरिया और एक अन्य के खिलाफमुकदमा दर्ज हुआ था और चार नवंबर, 2019 को करवरिया को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी थी। राज्यपाल पटेल द्वारा क्षमा किए जाने के बाद करवारिया को 25 जुलाई को प्रयागराज की नैनी जेल से रिहा कर दिया गया। करवारिया की रिहाई पर यादव ने बुधवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “उप्र भाजपा सरकार के पास ‘अपराध के खिलाफ’ अपनी ‘जीरो टॉलरेंस’ की तथाकथित नीति को सच कर दिखाने का मौका है। देखते हैं ‘न्याय’ के साथ कौन खड़ा होता है।
भाजपाइयों की आपसी राजनीति का खामियाजा कोई तीसरा क्यों भुगते।” उन्होंने कहा, “जो न सुने बेबस की गुहार, वो नहीं सरकार!” जवाहर की पत्नी और प्रतापपुर सीट से सपा विधायक विजमा यादव ने बुधवार को ‘पीटीआई-वीडियो’ सेवा से कहा, “ मेरे पति की 1996 में हत्या कर दी गई थी। 18 साल के संघर्ष के बाद मुझे अदालत से न्याय मिला और आरोपी जेल गए।” उन्होंने कहा कि प्रयागराज में पहली बार एके-47 राइफल का इस्तेमाल करने वालों को भाजपा सरकार ने रिहा कर दिया है।
विजमा यादव ने कहा, “मेरे पति की हत्या हुई। मैं कहना चाहती हूं कि मुझे और मेरे परिवार को भी मारा जा सकता है। सरकार कहती है कि गुंडाराज खत्म हो गया है लेकिन एके-47 से गोलीबारी करने वालों को रिहा किया जा रहा है। राज्यपाल भी मेरी तरह महिला हैं। रिहाई के लिए उन्होंने कहा कि यह उनके अच्छे आचरण के कारण हुआ है। बहुत सारे निर्दोष लोग जेलों में पड़े हैं तो उन्हें भी रिहा किया जाना चाहिए। ” उन्होंने कहा, “मैं मुख्यमंत्री से पूछना चाहती हूं कि आप महिलाओं के हितैषी हैं, इसलिए आपको मेरे साथ जो हो रहा है, उस पर भी विचार करना चाहिए।