मोदी सरकार में मंत्री बनने के बाद आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी बुधवार को पहली बार राजधानी लखनऊ के दौरे पर पहुंच रहे हैं. जयंत चौधरी पार्टी कार्यलय में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर आगे की रणनीति तय करेंगे. इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शाम को मुलाकात करेंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि जयंत चौधरी उपचुनाव को लेकर सीएम योगी के साथ मंथन करेंगे और सीट शेयरिंग पर भी बात कर सकते हैं.
उत्तर प्रदेश की दस विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, जिसे लेकर सियासी बिसात बिछाई जाने लगी है. इन दस सीटों में पांच सीटें सपा तो तीन सीटें बीजेपी और उसके सहयोगी दल निषाद पार्टी और आरएलडी के एक-एक विधायक के इस्तीफे से खाली हुई हैं. लोकसभा चुनाव में यूपी के 9 विधायक सांसद बन गए हैं, जिन्होंने इस्तीफा दे दिया है जबकि सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा होने के चलते एक सीट खाली हुई है.
उपचुनाव में BJP की अग्निपरीक्षा
लोकसभा चुनाव मिली हार के चिंतन में डूबी बीजेपी के लिए उपचुनाव किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है. बीजेपी के सामने बेहतर प्रदर्शन कर संगठन को लोकसभा चुनाव में हुए नुकसान की हताशा से उबारने की बड़ी चुनौती है तो सीटों के समीकरण उतने ही जटिल हैं. सपा कोटे वाली खाली हुई विधानसभा सीटें बीजेपी के लिए सबसे ज्यादा चुनौती बनी हुई हैं, क्योंकि उन पर सपा का पलड़ा काफी भारी दिखता है. यूपी उपचुनाव की कमान सीएम योगी ने खुद संभाल रखी है और मंत्रियों को भी मोर्चे पर लगा दिया है.
आरएलडी प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी अब जब लखनऊ पहुंच रहे हैं तो विधानसभा उपचुनाव को लेकर अपनी पार्टी के नेताओं के साथ-साथ सीएम योगी के साथ भी मंथन कर सकते हैं. आरएलडी पदाधिकारी जहां उनके मंत्री बनने पर पहली बार कार्यालय पहुंचे जयंत का स्वागत करेंगे तो दूसरी तरफ पार्टी पदाधिकारियों संग बैठक करके आगामी चुनावों को लेकर संगठन को दिशा-निर्देश देंगे. इसके साथ ही आरएलडी के विस्तार का रोडमैप भी समझाएंगे. इसके बाद जयन्त चौधरी इंदिरागांधी प्रतिष्ठान में कार्यक्रम में शिरकत करेंगे और शाम को सीएम हाउस में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करेंगे.
जयंत चौधरी और योगी की अहम मुलाकात
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी की होने वाली मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है.यूपी के कावंड़ यात्रा के रूट पर दुकानदारों के नाम लिखने के आदेश को लेकर जयंत चौधरी और उनकी पार्टी ने विरोध किया था. इसके अलावा आरएलडी विधायक चंदन चौहान के लोकसभा सांसद बन जाने के बाद मीरापुर सीट खाली हो गई है. आरएलडी मीरापुर सीट के साथ-साथ अलीगढ़ की खैर सीट पर भी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. इस तरह जयंत चौधरी की पार्टी की डिमांड उपचुनाव में दो विधानसभा सीटों पर लड़ने की है.
आरएलडी के राष्ट्रीय सचिव कुलदीप उज्जवल ने टीवी-9 डिजिटल के साथ बातचीत करते हुए कहा कि आरएलडी और बीजेपी मिलकर उपचुनाव लड़ेंगी. ऐसे में सूबे की तीन सीटों पर समीकरण आरएलडी के पक्ष में है. मुजफ्फरनगर की मीरापुर, अलीगढ़ की खैर और गाजियाबाद सदर सीट पर आरएलडी बेहतर तरीके से चुनाव लड़ सकती है. मीरापुर सीट 2022 में आरएलडी जीती थी, जिसके चलते उस पर लड़ना तय है.
इसके अलावा खैर सीट पर जाट समुदाय के मतदाता बड़ी संख्या में है, जिस वजह से हम चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी कर रखी है. इसी तरह गाजियाबाद सीट पर भी समीकरण हमारे पक्ष में है. इसीलिए हमारी कोशिश उपचुनाव में 3 सीटें लड़ने की है, लेकिन उनमें से दो सीटें बीजेपी विधायकों के इस्तीफे से खाली हुई है. ऐसे में बीजेपी को तय करना होगा. सीएम योगी से मुलाकात के दौरान जयंत चौधरी सीटों के लेकर बातचीत कर सकते हैं.
यूपी की 10सीटों पर होने हैं उपचुनाव
उत्तर प्रदेश की जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, फूलपुर, खैर और गाजियाबाद सीट बीजेपी विधायक के इस्तीफे से खाली हुई है. मीरजापुर की मझवां सीट से निषाद पार्टी के विधायक अब बीजेपी से सांसद बन चुके हैं, जिस वजह से उपचुनाव होना है. मीरापुर सीट आरएलडी के चंदन चौहान के इस्तीफा देने से खाली हुई है. इसीलिए निषाद पार्टी और आरएलडी अपनी-अपनी रिक्त हुई सीटों से चुनाव लड़ने की तैयारी में है, जिस पर फैसला बीजेपी के साथ बैठक में होनी है.
वहीं, अयोध्या की मिल्कीपुर, मैनपुरी की करहल, अंबेडकरनगर की कटेहरी, मुरादाबाद की कुंदरकी और कानपुर की सीसामऊ सपा ने 2022 चुनाव में जीती थी. सपा अपनी सभी पांच सीटों पर चुनाव लड़ने के साथ-साथ एनडीए कोटे की खाली हुई सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है, लेकिन कांग्रेस ने मीरापुर, मझवां और खैर सीट पर चुनाव लड़ने की डिमांड कर रही है.
उपचुनाव को लेकर मंथन
सीएम योगी ने अपने जिन मंत्रियों को उपचुनाव में लगाया है, उनके साथ मीटिंग के दौरान मीरापुर और कुंदरकी सीटों को लेकर खास मंथन किया था. उन्होंने अपने नेताओं से पूछा था कि आरएलडी को मीरापुर के बजाय कुंदरकी सीट दिया जाए तो कैसा रहेगा. बीजेपी के इस फॉर्मूले पर आरएलडी तैयार नहीं है, उसका कहना है कि मीरापुर के साथ-साथ कुंदरकी सीट पर भी चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन मीरापुर सीट किसी भी सूरत में नहीं छोड़ सकते हैं. माना जा रहा कि जयंत चौधरी सीएम योगी से मुलाकात के दौरान सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर मंथन कर सकते हैं.