दिल्ली सरकार पुराने वाहनों को कबाड़ में तब्दील करने की सूरत में कर रियायत देने की योजना बना रही है और इसने इस संबंध में मंजूरी के लिए एक प्रस्ताव उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना को भेजा है।
सरकार ने नए परिवहन और गैर-परिवहन वाहनों के पंजीकरण के लिए मोटर वाहन कर में रियायत देने का फैसला किया है। इस छूट का लाभ लेने के लिए पुराने वाहन को पंजीकृत वाहन कबाड़ सुविधा (आरवीएसएफ) को सौंपे जाने का प्रमाणपत्र जमा करना होगा।
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि नीति का उद्देश्य पुराने व प्रदूषणकारी वाहनों को कबाड़ में तब्दील करने और नए वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा, ‘‘कर रियायतों की पेशकश करके, हमें उम्मीद है कि वाहन मालिक अधिक पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों को अपनाना शुरू करेंगे।’’
इस संबंध में एक बयान में कहा गया कि गैर-परिवहन वाहनों के तहत, रियायत में नए पेट्रोल, सीएनजी या एलपीजी वाहनों के पंजीकरण पर देय मोटर वाहन कर में 20 प्रतिशत की छूट और नए डीजल वाहनों के लिए 15 प्रतिशत की छूट शामिल है।
वहीं, परिवहन वाहनों के तहत, रियायत में नए पेट्रोल, सीएनजी या एलपीजी वाहनों के पंजीकरण पर देय मोटर वाहन कर में 15 प्रतिशत की छूट और नए डीजल वाहनों के लिए 10 प्रतिशत की छूट शामिल है।
वर्ष 2018 में, उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली में क्रमशः 10 और 15 साल से पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसने कहा था कि आदेश का उल्लंघन करने वाले वाहनों को जब्त कर लिया जाएगा।