नैनी सेंट्रल जेल में जनवरी 2014 से आजीवन कारावास की सजा काट रहे बीजेपी के पूर्व विधायक उदयभान करवरिया गुरुवार सुबह रिहा कर दिए गए. रिहाई के समय उनकी पत्नी पूर्व बीजेपी विधायक नीलम करवरिया और अन्य समर्थक भी जेल के बाहर मौजूद रहे. राज्य सरकार ने अच्छे चाल चलन की वजह से समय पूर्व उनकी रिहाई का आदेश दिया है. यह आदेश 19 जुलाई को जारी हुआ था.
कागजी खानापूर्ति में पांच दिन और लग गए. प्रयागराज की राजनीति में बड़े ब्राह्मण चेहरे के रूप में पहचान रखने वाले पूर्व विधायक उदयभान करवरिया और उनके बड़े भाई पूर्व बसपा सांसद कपिल मुनि करवरिया और छोटे भाई पूर्व एमएलसी सूरजभान करवरिया के अलावा रिश्तेदार रामचंद्र त्रिपाठी (कल्लू) को जवाहर यादव हत्याकांड में उम्र कैद मिली थी. 13 अगस्त 1996 को जवाहर की हत्या कर दी गई थी.
जेल से निकलने के बाद क्या बोले उदयभान?
जेल से निकलने के बाद उदयभान ने कहा कि हम तो प्रोफाइल का शिकार होकर फंस गए. राजनीति के षड्यंत्र में 10 साल की जेल काटना पड़ा. हमने समाज की सेवा की है और आगे भी करना है. उनके आगे की प्राथमिकता के सवाल पर उनका कहना है कि पत्नी का इलाज पहली प्राथमिकता है. पत्नी नीलम करवरिया को लीवर सिरोसिस है. उनका लीवर ट्रांसप्लांट कराना काफी जरूरी है. उनका स्वास्थ्य कैसे बेहतर हो यह पहले देखना है. राजनीति में आगे की भूमिका के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगली पीढ़ी राजनीति करेगी.
10 साल बाद नैनी जेल से रिहा हुए उदयभान
जवाहर पंडित हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व विधायक उदयभान करवरिया 10 साल बाद नैनी सेंट्रल जेल से रिहा हुए. कारागार शासन ने उनके अच्छे चाल चलन की वजह से उनकी सजा में छूट दी है. उदयभान की रिहाई के बाद यूपी की सियासत में हलचल तेज हो गई है. समय से पहले उनकी रिहाई पर सवाल उठने लगे हैं. लोग ये भी कह रहे हैं कि अब प्रयागराज का सियासी समीकरण बदलेगा और इसका असर फूलपुर उपचुनाव पर भी पड़ सकता है.
दिनदहाड़े AK-47 से की थी जवाहर की हत्या
13 अगस्त 1996 को करवरिया भाइयों ने दिनदहाड़े समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक जवाहर यादव उर्फ जवाहर पंडित की गोली मारकर हत्या कर दी. यह पहली बार था, जब इलाहाबाद में एके-47 से किसी की हत्या की की गई थी. इस मामले में कोर्ट ने 4 नवंबर 2019 में करवरिया भाइयों और उनके साथी रामचंद्र त्रिपाठी उर्फ कल्लू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.