मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आयकर मोर्चे पर मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को थोड़ी राहत प्रदान की है। दरअसल वित्त मंत्री ने मध्यम वर्ग के लिए मानक कटौती को 50 प्रतिशत बढ़ाकर 75,000 रुपये करने के साथ नई आयकर व्यवस्था का विकल्प चुनने वाले करदाताओं के लिए कर स्लैब में बदलाव किया है। हम आपको बता दें कि मानक कटौती के तहत आयकर की गणना करने से पहले वर्ष में अर्जित कुल वेतन में से मानक कटौती वाली राशि घटा दी जाती है। वित्त मंत्री ने कहा है कि इससे करदाताओं को नई कर व्यवस्था के तहत सालाना 17,500 रुपये तक की बचत होगी। हम आपको बता दें कि नई व्यवस्था में कर की दरें कम हैं। हालांकि, इसमें मिलने वाली छूट भी न के बराबर है।
वित्त मंत्री के इस ऐलान के बाद से मीडिया, सोशल मीडिया और सर्च इंजिनों पर लोग जानना चाह रहे हैं कि उनका कितना पैसा कैसे बचेगा? इस मुद्दे पर तमाम आर्थिक विशेषज्ञों की भी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं जो बता रही हैं कि कैसे आप अपना पैसा बचा सकते हैं। लेकिन सबसे अलग प्रतिक्रिया आई है सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और भारत के पीआईएल मैन के रूप में विख्यात अश्विनी उपाध्याय की। उन्होंने कहा है कि वर्तमान टैक्स व्यवस्था बेकार है इनकम टैक्स खत्म होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इतने वर्षों में यह व्यवस्था कारगर सिद्ध नहीं हो पाई है और तमाम प्रयासों के बावजूद आयकर देने वाले लोग बेहद कम हैं।