New Delhi: कच्‍ची उम्र में टेस्‍ट टीम के कप्‍तान बने थे ये 5 प्‍लेयर, 3 ने पहले ही मैच में दिलाई जीत

New Delhi: कच्‍ची उम्र में टेस्‍ट टीम के कप्‍तान बने थे ये 5 प्‍लेयर, 3 ने पहले ही मैच में दिलाई जीत

क्रिकेट में कम खिलाड़ी ही 20 या इससे कम उम्र में इंटरनेशनल डेब्‍यू कर पाते हैं लेकिन कुछ ऐसे क्रिकेटर हैं जिन्‍होंने 20 वर्ष या इससे कम उम्र में न केवल इंटरनेशनल करियर का आगाज किया और ऊंचाई भी हासिल की. इसमें सबसे प्रमुख नाम मास्‍टर ब्‍लास्‍टर सचिन तेंदुलकर का है जिन्‍होंने 16 वर्ष की उम्र में टेस्‍ट डेब्‍यू किया और अपने खेल कौशल से 24 साल तक विश्‍व क्रिकेट पर राज किया

कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं जिन्‍होंने बेहद कम उम्र में देश की टेस्‍ट टीम की बागडोर संभाली और अपनी कप्‍तानी के पहले ही मैच में नेतृत्‍व कौशल की छाप छोड़ते हुए जीत हासिल की. दो खिलाड़ी तो बतौर कप्‍तान अपने पहले टेस्‍ट में प्‍लेयर ऑफ द मैच भी रह चुके हैं. आम धारणा है कि उम्र बढ़ने के साथ ही कोई व्‍यक्ति ‘मेच्‍योर’ होता है लेकिन इन युवा कप्‍तानों अपने खेल के साथ-साथ नेतृत्‍व कौशल से भी इस धारणा को गलत साबित किया.

बेहद कम उम्र में टेस्‍ट की कप्‍तानी करने वाले प्‍लेयर्स की इस सूची में एशिया के प्‍लेयर्स की संख्‍या अच्‍छी खासी है. नजर डालते हैं विश्‍व क्रिकेट के 5 सबसे युवा कप्‍तानों पर..

राशिद खान : कप्‍तान के तौर पर पहले ही मैच में चमके

अफगानिस्‍तान के रिस्‍ट स्पिनर राशिद खान (Rashid Khan) ने 17 वर्ष की उम्र में इंटरनेशनल डेब्‍यू किया था और जल्‍द ही अपने खेल कौशल ने विश्‍व क्रिकेट में पहचान बना ली. करियर की शुरुआत में ही राशिद हर तरह की गेंद को फेंकने में माहिर थे. उनकी गुगली पर तो नामी बल्‍लेबाज भी गच्‍चा खा जाते थे. राशिद ने जब इंटरनेशनल क्रिकेट खेलना शुरू किया तब अफगानिस्‍तान को टेस्‍ट टीम का दर्जा हासिल नहीं था. उन्‍होंने वनडे और टी20 मैच ही खेलकर इन दोनों फॉर्मेट के बेहतरीन खिलाड़ी के तौर पर खुद को स्‍थापित किया. जून 2018 में अफगानिस्‍तान को टेस्‍ट दर्जा हासिल हुआ. इसके एक वर्ष से कुछ अधिक समय बाद ही सितंबर 2019 में बांग्‍लादेश के खिलाफ एकमात्र टेस्‍ट में जब राशिद ने टीम की कप्‍तानी की तो उनकी उम्र महज 20 साल 350 दिन थी. बतौर कप्‍तान अपने पहले ही टेस्‍ट में राशिद ने अफगानिस्‍तान को 224 रन की जीत दिलाई.

मैच में गेंद और बल्‍ले, दोनों से शानदार प्रदर्शन करते हुए वे प्‍लेयर ऑफ द मैच रहे. अफगानिस्‍तान की पहली पारी में 51 और दूसरी पारी में 24 रन का योगदान देने वाले राशिद ने मैच में 11 विकेट लिए.पहली पारी में 55 रन देकर 5 विकेट लेने के बाद उन्‍होंने दूसरी पारी में 49 रन देकर 6 विकेट झटके और बतौर कप्‍तान अपने पहले ही टेस्‍ट को यादगार बना लिया.

तातेंदा ताइबु : सबसे कम उम्र में कप्‍तान बनकर बटोरी थी चर्चा

सियासी कारणों से उथलपुथल भरे जिम्‍बाब्‍वे  क्रिकेट में तातेंदा ताइबु (Tatenda Taibu) ने मई 2004 में 20 वर्ष 358 दिन की उम्र में कप्‍तान बनकर दुनियाभर में चर्चा बटोरी थी. हीथ स्‍ट्रीक के कप्‍तानी छोड़ने के कारण छोटे कद के विकेटकीपर बैट्समैन ताइबु को यह जिम्‍मेदारी मिली थी. वैसे, ताइबु को कप्‍तानी मिलने में उनके खेल कौशल के बजाय कुछ अन्‍य कारण रहे. बतौर कप्‍तान अपने पहले टेस्‍ट में ताइबु को श्रीलंका के खिलाफ पारी की हार का सामना करना पड़ा था. मैच की पहली पारी में 40 रन बनाने के बाद वे दूसरी पारी में खाता भी नहीं खोल पाए थे. टेस्‍ट में सबसे कम उम्र में कप्‍तानी का रिकॉर्ड 2019 तक ताइ‍बु के ही नाम रहा, बाद में राशिद खान ने 20 वर्ष 350 दिन में अफगानिस्‍तान टीम की कप्‍तानी संभालकर यह रिकॉर्ड तोड़ा. जिम्‍बाब्‍वे के लिए 28 टेस्‍ट खेलने वाले ताइबु 10 टेस्‍ट के अलावा 29 वनडे में भी जिम्‍बाब्‍वे के कप्‍तान रहे.

‘टाइगर’ पटौदी : 21 साल 77 दिन की उम्र में मिली कप्‍तानी

मंसूर अली खान पटौदी उर्फ टाइगर पटौदी (Mansur Ali Khan Pataudi) के पिता इफ्तिखार अली खान पटौदी भारत के अलावा इंग्‍लैंड टीम का भी टेस्‍ट में प्रतिनिधित्‍व कर चुके हैं. इफ्तिखार के बेटे मंसूर  ने भारत के लिए 46 टेस्‍ट खेले और 34.93 के औसत से 2793 रन बनाए जिसमें छह शतक शामिल रहे. अपनी डेशिंग स्‍टाइल और चुस्‍त फील्डिंग के लिए उन्‍हें ‘टाइगर’ निकनेम मिला था. साथी प्‍लेयर्स के बीच लोकप्रिय टाइगर पटौदी को 1962 में 21 वर्ष 77 दिन की उम्र में वेस्‍टइंडीज के खिलाफ सीरीज में भारतीय टीम की कप्‍तानी सौंपी गई थी. हालांकि इस मैच में टीम को पारी की हार का सामना करना पड़ा था. ‘टाइगर’ की गिनती बेहद कुशल कप्‍तान में होती थी. हालांकि उनके दौर की भारतीय टीम बहुत मजबूत नहीं थी, इस कारण उनकी सफलता का प्रतिशत बहुत अच्‍छा नहीं रहा.उन्‍होंने 40 टेस्‍ट में भारत की कप्‍तानी की, इसमें से 9 में टीम को जीत हासिल हुई. पटौदी के बारे में एक और दिलचस्‍प तथ्‍य यह था कि क्रिकेट के शुरुआती दौर में हादसे में उनकी एक आंख की रोशनी चली गई थी.ऐसे में उनके क्रिकेट करियर के खत्‍म होने का खतरा पैदा था लेकिन दृढ़ इच्‍छाशक्ति की बदौलत उन्‍होंने न केवल मैदान में वापसी की बल्कि शतक भी लगाए.

वकार यूनुस : 22 साल 15 दिन में बने कप्‍तान, टीम को जिताया

विश्‍व क्रिकेट के दो महान प्‍लेयर्स में शुमार सचिन तेंदुलकर और वकार यूनुस ने 1989 में एक ही सीरीज में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्‍यू किया था. दोनों ने विश्‍व क्रिकेट में खूब शोहरत हासिल की. बेहतरीन तेज गेंदबाज के तौर पर वकार (Waqar Younis) ने दिग्‍गज बैटरों के विकेट उखाड़े.उनकी यॉर्कर पर बैटर आउट हो होता ही था, कई बार पंजा भी चोटिल कर बैठता था. वकार को पाकिस्‍तान का सबसे युवा और दुनिया का चौथा सबसे कम उम्र का कप्‍तान बनने का श्रेय हासिल है. उन्‍होंने दिसंबर 1993 में 22 वर्ष 15 दिन की उम्र में जिम्‍बाब्‍वे के खिलाफ टीम की कमान संभाली थी और टीम की जीत के नायक बने थे. कराची में हुए इस टेस्‍ट में वकार ने पहली पारी में 91 रन देकर 7 और दूसरी पारी में 44 रन देकर 6 विकेट झटके थे और अपने बतौर कप्‍तान अपने पहले ही टेस्‍ट में पाकिस्‍तान को जीत का तोहफा दिया था. वसीम अकरम के साथ वकार की तेज गेंदबाज जोड़ी ने विश्‍व क्रिकेट में खूब सफलता हासिल की.

ग्रीम स्मिथ : 22 साल 82 दिन की उम्र में कप्‍तानी, टीम को स्‍थापित किया

ग्रीम स्मिथ (Graeme Smith) बेहतरीन बैटर के साथ ही दक्षिण अफ्रीका के सबसे युवा कप्‍तान भी रहे हैं. स्‍पॉट फिक्सिंग से जुड़े बहुचर्चित हैंसी क्रोन्‍ये कांड और शॉन पोलाक के कप्‍तान के तौर पर औसत प्रदर्शन के बाद दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट की प्रतिष्‍ठा को पुनर्स्‍थापित करने के लिए जब उन्‍हें अप्रैल 2003 में टीम की कप्‍तानी सौंपी गई तब उनकी उम्र 22 वर्ष 82 दिन की थी. अपनी कप्‍तानी में बांग्‍लादेश के खिलाफ पहले ही टेस्‍ट में उन्‍होंने टीम को जीत दिलाई. इंटरनेशनल क्रिकेट में स्मिथ ने 17 हजार से अधिक रन बनाने वाले स्मिथ ने टेस्‍ट में 27 शतकों की मदद से 9265 रन बनाए. टेस्‍ट क्रिकेट में खिलाड़ी के साथ कप्‍तान के तौर पर भी उन्‍होंने लंबी पारी खेली. बाएं हाथ के बेहतरीन बैटर स्मिथ ने 109 टेस्‍ट में कप्‍तानी की जिसमें दक्षिण अफ्रीकी के कप्‍तान के तौर पर 108 और ICC टीम के कप्‍तान के तौर पर एक टेस्‍ट शामिल रहा. उनकी कप्‍तानी में दक्षिण अफ्रीकी टीम को 53 टेस्‍ट में जीत हासिल हुई.

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