Rajasthan में रेप और गैंगरेप केसेज की भरमार, BJP का दावा बीते छह माह में 6 फीसदी कम हुए महिला अत्याचार

Rajasthan में रेप और गैंगरेप केसेज की भरमार, BJP का दावा बीते छह माह में 6 फीसदी कम हुए महिला अत्याचार

राजस्थान में रेप और गैंगरेप के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. हाल ही में कोटा संभाग के झालावाड़ जिले में सामने आया ब्लैकमेल और रेप केस ने लोगों को फिर से हिलाकर रख दिया है. महिला अत्याचारों को लेकर सड़क से लेकर सदन तक बवाल मचा हुआ है. विपक्ष बीजेपी के सत्ता में आने से पहले उसकी तरफ से दिए जा रहे ‘नहीं सहेगा राजस्थान’ के नारे को उस पर ही डाल रहा है. दूसरी तरफ सूबे की भजनलाल सरकार का दावा है कि उनके सत्ता में आने के बाद बीते छह माह में महिला अत्याचारों के मामलों में 6 फीसदी की कमी आई है.

कांग्रेस ने दो दिन पहले गुरुवार को महिला अत्याचार के मामले को विधानसभा में उठाया तो सदन हंगामा मच गया. बाद में विपक्ष ने इस मसले पर वॉक आउट तक कर दिया था. उसने बीजेपी के ‘नहीं सहेगा राजस्थान’ के नारे से ही उस पर वार किया. इस दौरान विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने दावा किया कि राजस्थान में जब से बीजेपी सरकार आई तब से लेकर इस साल के पहले छह माह में महिला अत्यचारों में गिरावट आई है.

20600 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं

दरअसल विधायक इंदिरा मीणा ने सदन में महिला उत्पीड़न से जुड़ा सवाल पूछा था. महिला उत्पीड़न से जुड़े इंदिरा मीणा के सवाल का मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि महिला अपराधों की रोकथाम के लिए सरकार की ओर से विभिन्न इकाइयों का गठन किया गया है. टोल फ्री 1090 नंबर काम कर रहा है. 20600 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. 200 महिला स्क्वायड तैनात की गई है. 1020 पुलिस थानों में महिला डेस्क संचालित है.

विधायक का पलटवार-सभी योजनाएं गहलोत सरकार की है

महिलाओं पर अत्याचारों को रोकने के लिए पुलिस मुख्यालय से लगातार परिपत्र और दिशानिर्देश जारी किए जाते हैं. हमारी सरकार आने के बाद महिला अत्याचारों से जुड़े केसेज में 6 फीसदी की कमी आई है. इस पर इंदिरा मीणा ने पलटवार करते हुए कहा कि ये सारी योजनाएं गहलोत सरकार ने चलाई थी. उसके बाद विपक्ष ने बीजेपी के नारे पर ही उसे घेर लिया और कहने लगा कि ‘नहीं सहेगा राजस्थान. क्या राजस्थान सहने के लिए मजबूर है. उन्होंने डिंपल मीणा केस की सीबीआई की जांच कराने की मांग की. इस पर खींवसर ने गहलोत सरकार में दर्ज मुकदमों की फेहरिस्त गिनाई तो वहां हंगामा हो गया.

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